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‘राजयोग’ दिलाता है इतने वर्ष की कन्या का पूजन, जानें महाअष्टमी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और नियम

Chaitra Navratri 2024 Mahashtami Kanya Pujan: चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन यानी महा अष्टमी को कन्या पूजन का विधान है. दो से दस वर्ष की कन्या का पूजन किया जाता है.

Mahashtami Pujan niyam

महाअष्टमी कन्या पूजन 2024.

Chaitra Navratri 2024 Mahashtami Kanya Pujan: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की अष्टमी तिथि को महाअष्टमी मनाई जाती है. इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी स्वरूप की पूजा होती है. इसके अलावा इस दिन कन्या पूजन का भी विधान है. कहा जाता है कि नवरात्रि व्रत बिना कन्या पूजन के अधूरा रह जाता है. कन्या पूजन को लेकर शास्त्रों में कुछ खास नियम बताए गए हैं. ऐसे में आज महाअष्टमी और कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त, विधि और नियम जानते हैं.

चैत्र नवरात्रि महाअष्टमी शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि की महा अष्टमी की दुर्गा अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. पंचांग के मुताबिक, इस साल अष्टमी तिथि 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू हो चुकी है. जबकि, अष्टमी तिथि की समाप्ति 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर होगी. धार्मिक परंपरा के अनुसार, नवरात्रि की अष्टमी तिथि कन्या पूजन के लिए बेहद शुभ और मंगलकारी है.

कन्या पूजन मुहूर्त

महाअष्टमी पर कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक है. कन्या पूजन के लिए अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है.

कन्या पूजन के लिए शुभ योग

महाअष्टमी पर आज कन्या पूजन के लिए दो शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है. पंचांग के अनुसार, आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग आज सुबह 5 बजकर 16 मिनट से शुरू हो चुका है. सर्वार्थसिद्धि योग का समापन 17 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर होगा. कन्या पूजन, इन दोनों ही योगों के दौरान किया जा सकता है.

कन्या पूजन नियम

चैत्र नवरात्रि में हर दिन एक-एक और अष्टमी या नवमी को 9 कन्याओं के पूजन का विधान है. 2 से 10 वर्ष तक की कन्या का पूजन करना शुभ और फलदायी माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, 2 वर्ष की कन्या का पूजन करने से दुख और दरिद्रता का नाश होता है. 3 वर्ष की त्रिमूर्ति कन्या का पूजन करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है. 4 वर्ष की कल्याणी कन्या का पूजन करने से घर-परिवार से सदस्यों का कल्याण होता है. 5 वर्ष की रोहिणी कन्या का पूजन रोगों के मुक्ति दिलाता है. 6 वर्ष की कालिका स्वरूप कन्या का पूजन करने से राजयोग की प्राप्ति होती है. 7 वर्ष की चंडिका स्वरूप कन्या का पूजन करने से ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. 8 वर्ष की शांभवी कन्या का पूजन करने से वाद-विवादों में सफलता मिलती है. 9 वर्ष नवदुर्गा कन्या का पूजन करने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है. जबकि, 10 वर्ष की सुभद्रा कन्या का पूजन करने से मां दुर्गा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं.

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