

Chaitra Navratri Ke Upay: लखनऊ के चौक क्षेत्र में स्थित बड़ा काली मंदिर भक्तों की आस्था और चमत्कारिक मान्यता के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि यहां सिर्फ एक नींबू, लौंग और कपूर से सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है. नवरात्रि के दौरान यह मंदिर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता है, जहां भक्त अपने कर्ज, ऊपरी बाधाएं, प्रेत बाधाएं और शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए आते हैं.
इस मंदिर में भक्तों पर आई बुरी नजर और परेशानियों को दूर करने के लिए 50 ग्राम लौंग, 50 ग्राम कपूर और एक नींबू का उपयोग किया जाता है. इसे व्यक्ति के सिर से सात बार घुमाकर लौंग को जलाया जाता है, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलने की मान्यता है. खास बात यह है कि इस उपाय के लिए किसी भी प्रकार का दान या शुल्क नहीं लिया जाता, सब कुछ निशुल्क होता है. मंदिर के महंत स्वामी हंसानंद के अनुसार, मंगलवार और शनिवार को यहां सबसे अधिक श्रद्धालु आते हैं, क्योंकि ये दिन माता काली को समर्पित माने जाते हैं.
आदि गुरु शंकराचार्य से जुड़ा मंदिर का इतिहास
बड़ा काली मंदिर को एक सिद्धपीठ माना जाता है. महंत स्वामी हंसानंद बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी. कहा जाता है कि उनके स्वप्न में मां काली आईं और उन्होंने इस मंदिर की स्थापना का आदेश दिया. मंदिर में लक्ष्मी नारायण की मूर्ति भी स्थापित है, लेकिन इसे बड़ा काली मंदिर के नाम से जाना जाता है.
क्या है इस मंदिर और औरंगजेब का संबंध?
इतिहास के अनुसार, मुगल शासक औरंगजेब सभी हिंदू मंदिरों को नष्ट करवा रहा था, लेकिन बड़ा काली मंदिर को बचाने के लिए लोगों ने इसका नाम बदलकर बड़ा काली मंदिर रख दिया. इस रणनीति के कारण मंदिर को नष्ट होने से बचाया जा सका.
नवरात्रि में विशेष आयोजन
नवरात्रि के दौरान यह मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है और रात 12 बजे बंद होता है. यहां सुबह 10 बजे और रात 10 बजे विशेष आरती होती है. इस दौरान प्रतिदिन 5000 से अधिक भक्त यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है बल्कि अपनी अनोखी परंपरा और ऐतिहासिक महत्व के कारण भी प्रसिद्ध है.
-भारत एक्सप्रेस
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