मां चंडी देवी
Haridwar: भगवती देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए चैत्र नवरात्रि का अपना बड़ा महत्व है. हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी इसी से होती है. मान्यता है सृष्टि की शुरुआत भी इसी दिन से हुई थी. मां को चैत्र नवरात्रि के इन दिनों में कैसे प्रसन्न करें, मां के किस मंत्र का जाप करें? क्या कहना है प्रमुख मंदिरों के पुजारियों और संतों का, भारत एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट.
क्या कहते हैं चंडी देवी के मुख्य पुजारी नवरात्रि पूजा को लेकर
कहते हैं मां ममता की मूरत होती है. संसार में मातृ शक्ति को सदैव सभी शक्तियों से ऊपर और सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसी शक्ति की उपासना के पवित्र दिन यानी चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे हैं. मां की साधना के इन दिनों में सभी भक्त अपने अपने तरीके से मां की पूजा करते हैं. भारत एक्सप्रेस ने इस मौके पर हरिद्वार के नील पर्वत पर विराजमान मां चंडी देवी के मुख्य पुजारी महंत रोहित गिरी से नवरात्रि की पूजा को लेकर बात की.
मानसिक और शारीरिक पवित्रता है जरूरी
मां चंडी देवी के मुख्य पुजारी महंत रोहित गिरी का कहना है कि मां की आराधना के अपने नियम हैं. मां की पूजा में सबसे जरूरी मानसिक और शारीरिक पवित्रता तो है ही इसके अलावा साधक अगर अस्वस्थ है तो उसे उपवास नहीं रखना चाहिए. यही नहीं इन दिनों मां दुर्गा सप्तशती का पाठ भी कई साधक करते हैं. कलश स्थापना, बीज मंत्र और मां दुर्गा सप्तशती के पाठ के नियम अपने आप में महत्वपूर्ण है. जिनसे मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती है.
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देवी को प्रसन्न करने के लिए कई विधियां
स्वामी कैलाशानंद गिरी, आचार्य महामंडलेश्वर, निरंजनी अखाड़ा का कहना है कि शास्त्रों में देवी को प्रसन्न करने के लिए कई विधियां बताई गई हैं, लेकिन बावजूद इसके मां केवल भक्त के भाव की भूखी है. यही कारण हैं कि मां को प्रसन्न करने के लिए सभी श्रद्धालू अपने अपने सामर्थ्य से प्रयास करते हैं और वे सफल भी होते हैं.