Bharat Express

पंचक में सावन का पहला सोमवार, जानें कौन सा मुहूर्त है रुद्राभिषेक और भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ

Sawan Somwar: ज्योतिष के जानकारों के अनुसार पवित्र सावन माह के पहले सोमवार के दिन रेवती नक्षत्र का प्रभाव भी रहेगा.

Sawan Somwar: 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ रहा है. ऐसे में यह सोमवार बेहद ही खास रहने वाला है. हालांकि पहले सोमवार के दिन पंचक भी बन रहा है. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार पवित्र सावन माह के पहले सोमवार के दिन रेवती नक्षत्र का प्रभाव भी रहेगा. हालांकि, सावन पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहे हैं. लेकिन पहले सोमवार के दिन पंचक लगने से भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक के समय को लेकर असमंजस की स्थिति भी देखी जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं सावन के पहले दिन पूजा पाठ और रुद्राभिषेक कराने का सही समय क्या है.

जानें कब है सावन के पहले सोमवार पंचक का समय

सावन के पहले सोमवार यानी 10 जुलाई को 6 जुलाई से चला आ रहा पंचक शाम को 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. हालांकि, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक या भद्रा में पूजा पाठ करने पर कोई रोक नहीं होती है. वहीं यह भी माना जा रहा है कि पंचक गुरुवार के दिन से शुरू हुआ था, इसलिए ये हानिकारक नहीं है. इसके अलावा त्रिदेवों में से एक भगवान शिव के पावन सावन महीने में सभी ग्रह दशाएं भी अपने विपरीत प्रभाव का असर दिखा पाती. इसलिए ज्योतिषियों के अनुसार इस पूरे दिन पंचक का असर नगण्य रहेगा. ऐसे में सावन के पहले सोमवार को किए जाने वाले व्रत पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ेगा.

जाने सावन के पहले सोमवार के शुभ मुहूर्त

सावन के पहले सोमवार यानी श्रावण अष्टमी तिथि की शुरुआत सुबह से लेकर शाम 06 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. वहीं इस दिन सुकर्मा योग दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से लेकर रात रहेगा. इसके अलावा बात करें इस दिन के शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त कि तो यह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.

इसे भी पढ़ें: इस दिन है सावन का पहला प्रदोष व्रत, भगवान शिव की कृपा से भरेगा धन का भंडार, जानें तिथि शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सावन में रुद्राभिषेक पर करें इन मंत्रों का जप

ओम नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥
ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति ब्रह्मा शिवो
मे अस्तु सदाशिवोय्‌ ॥
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः

Bharat Express Live

Also Read