एकदंत गणेश (सांकेतिक तस्वीर).
Ganesh Chaturthi 2024: भाद्रपद मास की गणेश चतुर्थी बेहद खास मानी गई है. मान्यता है कि इस दिन प्रथम पूज्य गणेश का जन्म हुआ था. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक गणेशोत्सव मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल गणेश उत्सव 7 सितंबर से शुरू होकर 17 सितंबर तक चलेगा. इस दौरान भगवान गणेश के भक्त उनकी विशेष पूजा-अर्चना करेंगे. वैसे तो भगवान गणेश के सहस्त्र नाम हैं. भगवान गणेश को एकदंत भी कहा जाता है. आइए जानते हैं कि भगवान गणेश को एकदंत क्यों कहा जाता है.
भगवान गणेश को क्यों कहते हैं एकदंत
कहते हैं कि एक बार ब्रह्माजी ने सपने में महर्षि व्यास को महाभारत महाकाव्य लिखने की प्रेरणा दी थी. महर्षि व्यास ने महाभारत को लिखना तो स्वीकार कर लिया लेकिन उन्हें कोई लिखने वाला नहीं मिला. महर्षि व्यास किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश में थे जो इस महाकाव्य को लिख सके. महाभारत में उल्लेख मिलता है कि देवव्यास ने गणेशजी को इसे लिखने का प्रस्ताव दे दिया और वे तैयार हो गए.
इस वजह से टूट गया गणेशजी का एक दांत
गणेशजी ने महाभारत लिखने से पहले एक शर्त रखी कि वेदव्यास कथा लिखवाते वक्त एक पल का भी विश्राम नहीं लेंगे. गणेशजी की इस शर्त को मानते हुए महर्षि ने भी एक शर्त रख दी. उन्होंने गणेशजी को कहा कि वे बिना सोचे-समझे किसी भी वाक्य को नहीं लिखेंगे. कहते हैं कि महाभारत लिखने के दौरान जल्दबाजी की वजह से भगवान गणेश ने अपना एक दांत तुड़वा लिया. इस संबंध में कहा जाता है कि बिना रुके लिखने की वजह से ही गणेश जी का एक दांत टूट गया था. तभी से भगवान गणेश को ‘एकदंत’ कहा जाता है.
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