Bharat Express

Kaal Bhairav Ashtmi: सावन में इस दिन कालाष्‍टमी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा की खास विधि

Kaal Bhairav Ashtmi: मान्यता है कि भगवान शिव शंकर के अंश से इनकी उत्पत्ति हुई थी और इन्हें शिव का पांचवा अवतार माना गया है. ऐसे में सावन माह में पड़ने वाली कालाष्‍टमी बेहद ही खास है.

Kalashtami

काल भैरव

Kaal Bhairav Ashtmi: श्रावण मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को कालाष्‍टमी मनाई जाएगी. इस दिन काल भैरव की पूजा होती है. मान्यता है कि भगवान शिव शंकर के अंश से इनकी उत्पत्ति हुई थी और इन्हें शिव का पांचवा अवतार माना गया है. ऐसे में सावन माह में पड़ने वाली कालाष्‍टमी बेहद ही खास है. महादेव के रूद्र रूप कालभैरव को तंत्र का देवता माना गया है. काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता भी माना जाता है. कहते हैं कि भगवान शिव के रूद्र रूप काल भैरव की पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना करने से उपरी बाधाओं, तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है और उसके सभी तरह के पाप कट जाते हैं. इस बार कालाष्टमी 09 जुलाई 2023 को पड़ रही है.

कालाष्टमी के दिन के शुभ मुहूर्त

रविवार, 09 जुलाई 2023 को पड़ने वाली कालाष्टमी श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पड़ रही है जो कि 09 जुलाई 2023 को है. इसकी शुरुआत रात्रि 8:00 बजे से होगी और अगले दिन 10 जुलाई 2023 सायं 6:44 बजे इसका समापन होगा.

सूर्यास्त के बाद करें काल भैरव की पूजा 

अगर आप काल भैरव की पूजा करने जा रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि आपने भले ही इस दिन व्रत रखा हो, लेकिन काल भैरव की पूजा सूर्यास्त के बाद ही करें. ज्योतिषियों के अनुसार भगवान काल भैरव का श्रृंगार सिंदूर और चमेली के तेल से करना फलदायी होता है.

पूजा के दौरान शुद्धता का विशेष तौर पर ध्यान रखें और पूजा से पहले स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. हो सके तो इस दिन पास के किसी भैरव या शिव मंदिर में जाएं और उत्तर की तरफ अपना मुख रखते हुए भगवान काल भैरव या शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाएं.

इसे भी पढ़ें: Kanwar Yatra: जानें कब और कैसे हुई कांवड़ यात्रा की शुरुआत और सावन के पावन महीने में भगवान शिव को जल अर्पित करने को लेकर क्या है मान्यता

लाल चंदन और जनेऊ

यदि आप काल भैरव के मंदिर में जाते हैं तो उनका श्रृंगार करने के बाद लाल फूल चढ़ाते हुए लाल चंदन, सुपारी, अक्षत और जनेऊ के साथ नारियल चढ़ायें. जहां तक हो सके मंदिर में कुछ दान अवश्य करें. मान्यता के अनुसार इस दिन काल भैरव को गुड़-चने या इमरती आदि का भोग भी लगाया जाता है.

अगर आप दीपक जला रहे हैं तो उसमें सरसों के तेल का उपयोग करें. आप चाहें तो काल भैरव के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. इस दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाने से भी काल भैरव प्रसन्न होते हैं. विधि विधान से की गई उनकी पूजा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और शत्रुओं का नाश होता है.

Also Read