Sawan: हिंदू धर्म में सावन मास भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. इस पूरे माह शिव भक्त भगवान भोले नाथ की भक्ति में लीन उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. सावन माह में माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न होते हैं. सावन की शुरुआत होते ही शिव भक्त कांवड़ उठा चल पड़ते हैं भोलेनाथ को जल चढ़ाने.
देश के प्रसिद्ध मंदिरों में देवघर भी एक है. बाबा बैद्यनाथ के दरबार में अपने कांवड़ में जल भर लाखों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं. इसके लिए सुल्तानगंज से जल भर कर भक्त 105 किमी. की लंबी यात्रा पैदल चलकर बैद्यनाथ धाम पहुंच रहे हैं. कई अनोखे ढंग के कांवड़ उठाए भक्त भी इस यात्रा के दोरान देखने को मिल रहे हैं. डाक बम, पैदल बम और लेटकर बाबा के दर पर अपनी अर्जी लगाने पहुंच रहे भक्तों के अलावा 54 फीट लंबे एक कांवड़ में सुल्तानगंज से जल भर कर भक्त देवघर आए हैं.
पटना से देवघर
यह कांवड़ पटना सिटी के चौक शिकारपुर स्थित दुर्गा मंदिर से बोल बम कांवरिया संघ की ओर से ले जाया जा रहा है. इसकी मान्यता को देखते हुए इसमें हजारों की संख्या में शिव भक्त शामिल हुए. यह कांवड़ यात्रा नाला रोड से शुरू हुआ. इसके बाद पूरे शहर में भ्रमण कराते हुए जलला वाले हनुमान मंदिर पर पहुंचा. देवघर जाने वाले इस जत्थे में 300 भक्त शामिल हैं. जिनमें 50 महिला भक्त भी हैं. पिछले रविवार को सुल्तानगंज में जल भलकर देवघर के लिए रवाना होने के बाद आज बुधवार की सुबह करीब 3.30 बजे यह जत्था देवघर पहुंचा है. बता दें कि यात्रा के दौरान भक्त अलग-अलग टोलियों में ढ़ोल, मंजिरा के साथ नाचते गाते देवघर के बाबाधाम पहुंचे हैं.
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कंधा देने वालों में लगी रहती है होड़
2007 में इस कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई तो इसमे शामिल श्रद्धांलुओं की संख्या 27 थी.जो कि बाद में बढ़ती गयी. मान्यता है कि इस कांवड़ को कंधा देकर जलार्पण करने से कई श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी हुई है. इनमें कइयों की तो नौकरी लग गयी.
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