बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस.
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट होने के बाद से ही वहां के अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमले को लेकर वहां की अंतरिम सरकार कुछ खास कदम नहीं उठा रही है. इसी बीच यूनुस सरकार ने शनिवार को एक पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए अल्पसंख्यकों पर हो रहे इन हमलों को सांप्रदायिक की जगह राजनीतिक करार दे दिया है.
हमले सिर्फ अल्पसंख्यकों पर ही क्यों ?
मोहम्मद यूनुस सरकार और पुलिस की ओर से जारी की गई इस रिपोर्ट को लेकर अब कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. रिपोर्ट को लेकर लोगों को कहना है कि अगर यह हिंसा राजनीतिक थी, तो फिर इसका शिकार सिर्फ हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यक ही क्यों हो रहे हैं?
यूनुस सरकार ने क्या कहा?
मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने बताया कि यह जांच ‘बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद’ द्वारा 5 अगस्त को किए गए दावे के बाद शुरू की गई. परिषद ने आरोप लगाया था कि शेख हसीना के अपदस्थ होने से पहले 2,010 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं. पुलिस ने 1,769 घटनाओं की पुष्टि की, जिनमें से 1,234 घटनाएं राजनीतिक थीं, जबकि 20 घटनाएं सांप्रदायिक थीं. पुलिस ने 62 मामले दर्ज किए और 35 लोगों को गिरफ्तार किया.
100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
‘बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद’ के अनुसार, 5 अगस्त को 82.8 प्रतिशत घटनाएं हुईं. पुलिस को 5 अगस्त से लेकर 8 जनवरी 2025 तक कुल 134 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 53 मामले दर्ज किए गए और 65 अपराधी गिरफ्तार किए गए. 4 अगस्त के बाद से कुल 115 मामले दर्ज किए गए हैं और 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं.
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इसके अलावा, एक अलग बयान में, पुलिस ने बताया कि 21 दिसंबर 2024 को नाटोर जिले में 60 वर्षीय हिंदू व्यक्ति की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है और हत्या की वजह श्मशान घाट से चोरी की कोशिश को बताया है.
-भारत एक्सप्रेस
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