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हिंदी सिनेमा का वो खूंखार विलेन, जो मुंहमांगी फीस न मिले तो छोड़ देता था फिल्म, इन मशहूर डायलॉग से मिली अलग पहचान

बॉलीवुड के खूंखार विलेन कहे जाने वाले एक्टर ने अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. लेकिन अंत समय में वो बहुत ही परेशान हो गए थे.

Amrish Puri

Amrish Puri

Amrish Puri Death Anniversry: हिंदी सिनेमा में कई विलेन आए और गए लेकिन इनमें से एक विलेन ऐसा है जिसे आज भी पूरी शिद्दत के साथ याद किया जाता है और वो है अमरीश पुरी. अमरीश पुरी को गुजरे 20 साल हो गए है. एक्टर को खूंखार विलेन के नाम से जाना जाता था. अभिनेता ने अपने करियर में एक से बढ़ कर एक फिल्मों में काम किया है. नेगेटिव रोल से लेकर पॉजिटिव रोल तक वो हर किसी में फिट बैठे लेकिन विलेन के रोल में तो उन्होंने गदर ही मचा दिया. ऐसे में आज हम आपको अमरीश पुरी की डेथ एनिवर्सरी के मौके पर उनसे जुड़े कुछ किस्सों के बारे में बताने जा रहे हैं.

इस फिल्म से किया डेब्यू

अमरीश पुरी का जन्म नवांशहर पंजाब के ब्रिटिश इंडिया में 23 जनवरी 1932 में हुआ था. अमरीश पुरी ने 40 साल की उम्र में सरकारी नौकरी को छोड़ फिल्मी दुनिया में आने का मन बन लिया और 1970 में फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ से एक्टिंग डेब्यू किया. एक्टर ने अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और इस दौरान संस्कारी पिता, ईमानदार पुलिसवाला और खूंखार विलेन तक के रोल प्ले किए.

मुंहमांगी फीस न मिले तो छोड़ देते थे फिल्म

अमरीश पुरी ने शुरुआत पॉजिटिव रोल से ही की थी. हालांकि धीरे-धीरे वे फिल्मों में विलेन बन गए. विलेन का रोल करते-करते वे काफी पॉपुलर भी हो गए थे और इंडस्ट्री में उनका कद भी काफी ऊंचा हो गया था. कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि उन्हें मुंहमांगी फीस नहीं मिली तो उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया. वे कहते थे-पैसा नहीं तो काम नहीं मेरे हक का पैसा है मुझे हर हाल में चाहिए. मैं अपने काम से समझौता नहीं करता तो पैसे से क्यों करूं.

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इन मशहूर डायलॉग से मिली अलग पहचान

अमरीश पुरी के बेटे ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता का साल 2003 में जाल: द ट्रैप की शूटिंग के दौरान भयानक एक्सीडेंट हो गया था. इस दौरान उन्हें काफी चोट आई थी कथित तौर पर इलाज में कुछ गड़बड़ होने की वजह से उन्हें खून से संबंधित बीमारी मयेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम हो गया था.

इसके बाद ब्रेन ट्यूमर हो गया और एक्टर ने 12 जनवरी 2006 को दुनिया को अलविदा कह दिया. इतना ही नहीं अमरीश पुरी डॉन्ग कभी रॉन्ग नहीं होता… तबादलों से इलाके बदलते हैं इरादे नहीं… मोगैंबो खुश हुआ… और जा सिमरन जी ले अपनी जिंदगी… इन सभी डायलॉग से काफी मशहूर भी हुए है.

निधन से पहले इन 5 फिल्मों को किया पूरा

अमरीश पुरी अपने काम को लेकर इतने ईमानदार थे कि उन्होंने मरने से पहले अपनी 5 फिल्मों को पूरा किया. दरअसल उनके बेटे ने बताया कि उन्हें साल 2003 में ही बीमारी का पता चला था दिन पर दिन हालत खराब हो गई. अभिनेता ने 15 दिसंबर 2004 तक तबीयत खराब होने के बाद भी अपनी 5 अधूरी फिल्मों को पूरा किया इस लिस्ट में ‘कच्ची सड़क’, ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘हलचल’, ‘किसना’ और ‘एतराज’ को पूरा किया.

-भारत एक्सप्रेस 



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