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गोवर्धन पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त जानिए, इस कथा का है विशेष महत्व

गोवर्धन पूजा आज

हिंदू धर्मशास्त्रों में दीपावली के बाद आने वाले गोवर्धन की महत्ता का वर्णन है. कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्योहार मनाया जाता है. लेकिन इस साल 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा आज की जा रही  है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप गोवर्धन पर्वत और गाय की पूजा करने का विशेष महात्म्य है. आज ही भाई दूज भी है,वैसे इस बार कुछ लोग कल भी भाई-दूज मनाएंगे. गोवर्धन, वृंदावन और मथुरा के साथ ही पूरे बृज में इस दिन जोर-शोर से मनाया जाता है. मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव कार्तिक प्रतिपदा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक मनाया जाता है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण को  56 या 108 तरह के पकवानों का भोग भी लगाया जाता है.

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त-

25 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि शाम 05 बजकर 18 मिनट से शुरू हो चुकी है, जो कि आज 26 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट में खत्म हो जाएगी. गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 08 बजकर 43 मिनट तक रहने वाला है. पूजन की कुल अवधि 02 घंटे 14 मिनट की होने वाली है.

गोवर्धन पूजा से जुड़ी  कथा

ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने बृजवासियों की रक्षा के लिए अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के प्रकोप से बचाया था. पौराणिक ग्रन्थों में बताया गया है कि भागवान श्रीकृष्‍ण ने इन्‍द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी. इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन को बनाते हैं और उसकी पूजा करते है. कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत बनाकर उसे पूजते हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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