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महा शिवरात्रि पर वर्षों बाद बन रहा है ये अद्भुत संयोग, रुद्राभिषेक के दौरान इन बातों का जरूर रखें ख्याल

Maha Shivratri 2024 Amazing Coincidence: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल महा शिवरात्रि पर शिव योग और धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है. इस दिन चंद्र देव कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे.

Maha Shivratri 2024 Amazing Coincidence

महाशिवरात्रि 2024

Maha Shivratri 2024 Amazing Coincidence Rudrabhishek: महा शिवरात्रि इस साल 8 मार्च, शुक्रवार को पड़ रही है. ज्योतिष शास्त्र के जानकार बता रहे हैं कि इस दिन अद्भुत संयोग बन रहा है. पंचांग के अनुसार, इस बार महा शिवरात्रि की पूजा शिव योग और धनिष्ठा नक्षत्र में होगा. इसके अलावा इस दिन चंद्रमा की उपस्थिति कुंभ राशि में है. ऐसे में आइए जानते हैं कि महा शिवरात्रि पर बनने वाले दुर्लभ संयोग के दौरान किन कार्यों को करने से जीवन में शुभता आएगी.

महा शिवरत्रि पर रुद्राभिषेक का है खास महत्व

महा शिवरात्रि के दिन शुभ मुहूर्त में रुद्राभिषेक करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस संबंध में पुराणों में कथा का भी जिक्र किया गया है. कथा के अनुसार, एक बार मां पार्वती के शिव जी के रुद्राभिषेक के बारे में पूछा. तब भगवान शिव ने पार्वती से कहा कि जो कोई शिवरात्रि के दिन व्रत-उपवास करता है उस पर वे प्रसन्न होकर उसकी मनोकामना पूरी कर देते हैं.

महा शिवरात्रि पर कैसे करें रुद्राभिषेक?

महा शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक का विधान है. माना जाता है कि इस दिन शिवजी का अभिषेक करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.

महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का अभिषेक करने के लिए सबसे पहले बैठने की दिशा का ध्यान रखना चाहिए. यानी पूजन के दौरान पूजा करने वाले का मुंह पूरब की ओर होना चाहिए.

इसके बाद गंगाजल से पवित्र होकर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं. शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करने के लिए पीतल का पात्र (श्रृंगी) का इस्तेमाल करना अच्छा माना गया है. श्रृंगी नहीं होने पर पीतल के लोटा से जल चढ़ा सकते हैं.

भगवान शिव का अभिषेक करने के दौरान शिव के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इस दौरान आप चाहें तो सबसे आसान मंत्र ओम् नमः शिवाय का जाप कर सकते हैं. हालांकि रुद्राष्टअध्यायी के मंत्रों का जाप करना सबसे अच्छा माना गया है. इसके अलावा आप चाहें तो महामृत्युंजय मंत्र, रावण संहिता, शिव तांडव स्तोत्र का भी पाठ कर सकते हैं.

शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करने के बाद गन्ने का रस, शहद, दूध और दही जैसी पवित्र वस्तुएं अर्पित करें. इसके बाद शिवलिंग पर लकड़ी वाला चंदन घिसकर अर्पित करें.

इतना करने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग के पत्ते, धतूरा इत्यादि भी अर्पित कर सकते हैं.

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-भारत एक्सप्रेस



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