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नरक से मुक्ति के लिए प्रदोष व्रत आज, करें ये काम, शिव जी की बरसेगी कृपा!

Narak Nivaran Chaturdashi 2024: इस साल नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत 8 फरवरी, गुरुवार को यानी आज रखा जा रहा है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से नकर से छुटकारा मिल जाता है. माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक निवारण चतुर्दशी कहा जाता है.

Narak Nivaran Chatudarshi 2024

नरक निवारण चतुर्दशी व्रत 2024.

Narak Nivaran Chatudarshi 2024: पंचांग के अनुसार 8 फरवरी 2024 को यानी आज माघ महीने की मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) है. ऐसे में आज भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा पाने के लिए चतुर्दशी व्रत रखा जा रहा है. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से नकर के छुटकारा मिल जाता है. साथ ही भगवान शिव और मां पर्वती की कृपा प्राप्त होती है. इसके अलावा जो भक्त जिस मनोकामना के साथ इस व्रत को रखता है, वह पूरा होता है. नरक निवारण चतुर्दशी को कौन रख सकता है? साथ ही नरक निवारण चतुर्दशी व्रत (Narak Nivaran Chatudarshi) को रखने के क्या फायदे हैं? जानिए.

कौन कर सकता है नरक निवारण चतुर्दशी व्रत?

शास्त्रों की मानें तो नकर निवारण चतुर्दशी का व्रत बच्चे, बूढ़े, विवाहित, अविवाहित इत्यादि सभी रख सकते हैं. लेकिन, अगर कोई व्रत रखने में सहज महसूस नहीं करे तो उसके लिए व्रत रखना जरूरी नहीं बताया गया है. मान्यता है कि जो लोग श्रद्धा से इस व्रत को रखते हैं, उन्हें नरक से छुटकारा मिल जाता है. दृक पंचांग के अनुसार इस बार नरक चतुर्दशी व्रत के दिन सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है. ऐसे में यह व्रत बेहद शुभ फलदायी माना जा रहा है.

चतुर्दशी व्रत व्रत के दौरान क्या करें?

नरक निवारण चतुर्दशी व्रत के दौरान एक बार फलाहार किया जा सकता है. इस व्रत के दौरान अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है. नरक निवारण चतुर्दशी व्रत के दौरान ‘नमः शिवाय’ मंत्र का जाप मन ही मन कर सकते हैं. साथ ही शिवजी की स्तुति पढ़-सुन करते हैं. व्रत का पारण जल, गंगाजल, कच्चा दूध या फल के साथ किया जाता है.

नरक निवारण चतुर्दशी व्रत 2024 कब है?

पंचांग के अनुसार, 2024 में नरक निवारण चतुर्दशी 8 फरवरी, गुरुवार को है. चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 8 फरवरी को सुबह 11 बजकर 17 मिनट से होगी. जबकि इस तिथि की समाप्ति 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर होगी. ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत 8 फरवरी को ही रखा जाएगा.

हर उम्र वर्ग के लोग रखते हैं नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत

बिहार, झारखंड और यूपी समेत कुछ राज्यों में माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है. मिथिला क्षेत्र में नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत हर उम्र वर्ग के महिला और पुरुष करते हैं. वहां इस व्रत को सुबह (सूर्योदय) से लेकर शाम (सूर्यास्त) तक रखा जाता है.

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-भारत एक्सप्रेस

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