भगवान शिव और रुद्राक्ष.
Sawan 2024 Rudraksha Benefits Precautions: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और इस दौरान रुद्राक्ष धारण करने का खास धार्मिक महत्व होता है. मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी. यही वजह है कि रुद्राक्ष पहनने से कई प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं. रुद्राक्ष को लेकर मान्यता यह भी है कि ये अकाल मृत्यु और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है. हिंदू धर्म शास्त्रों में एक से लेकर 16 मुखी रुद्राक्ष के महत्व को बताया गया है. ऐसे आइए जानते हैं सावन में रुद्राक्ष से जुड़ी सावधानियां और 1 से लेकर 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की सही विधि और महत्व.
एक मुखी रुद्राक्ष
एक मुखी रुद्राक्ष को साक्षात् भगवान शिव का स्वरूप माना गया है. अगर कुंडली में सूर्य से जुड़ी कोई समस्या है तो ऐसे में यह रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है.
दो मुखी रुद्राक्ष
यह रुद्राक्ष भगवान शिव का अर्धनारीश्वर स्वरूप माना गया है. दो मुखी रुद्राक्ष वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए खास है.
तीन मुखी रुद्राक्ष
यह अग्नि और तेज का स्वरूप है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
चार मुखी रुद्राक्ष
शास्त्रों में चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का स्वरूप माना गया है. वाणी की समस्या को दूर करने के लिए यह रुद्राक्ष अत्यंत खास माना गया है.
पांच मुखी रुद्राक्ष
पांच मुखी रुद्राक्ष को कालाग्नि भी कहा जाता है. इस रुद्राक्ष को धारण करने से मंत्र शक्ति और अद्भुत ज्ञान की प्राप्ति होती है.
छह मुखी रुद्राक्ष
छह मुखी रुद्राक्ष को शास्त्रों में भगवान कार्तिकेय का स्वरूप माना गया है. इस रुद्राक्ष को धारण करने से कुंडली का शुक्र ग्रह मजबूत होता है.
सात मुखी रुद्राक्ष
सात मुखी रुद्राक्ष को सप्तऋषियों का स्वरूप माना गया है. मारक दशायों में या गंभीर स्थितियों में इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए. इस रुद्राक्ष को धारण करने के मृत्यु तुल्य कष्टों से मुक्ति मिलती है.
आठ मुखी रुद्राक्ष
शास्त्रों में आठ मुखी रुद्राक्ष को अष्टदेवियों का स्वरूप माना गया है. मान्यता है कि इस रुद्राक्ष को पहनने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं. साथ ही अचनाक धन लाभ होता है. इसके अलावा कुंडली का राहु मजबूत होता है.
11 मुखी रुद्राक्ष
संतान संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है. मान्यता है कि यह रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है.
रुद्राक्ष से जुड़ी सावधानियां
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्राक्ष को लाल या पीले रंग के धागे में पिरोकर पहनना चाहिए. रुद्राक्ष पहनने के लिए पूर्णिमा, अमवस्या या सावन मास का सोमवार शुभ है. वैसे सावन के महीने में किसी भी दिन रुद्राक्ष को पहना जा सकता है. रुद्राक्ष को 1, 27, 45 या 108 की संख्या में धारण करना चाहिए. रुद्राक्ष धारण करने वालों को सात्विकता का पालन करना चाहिए. दूसरे की पहनी हुई रुद्राक्ष की माला को कभी नहीं धारण करना चाहिए. सोते वक्त रुद्राक्ष की माला को उतार देना चाहिए.
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