शिवजी.
Sawan 2nd Somwar 2024: आज सावन का दूसरा सोमवार है. सावन महीने का सोमवार भगवान शिव की कृपा पाने के लिए अत्यंत खास माना गया है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सावन में पांच सोमवार का दुर्लभ संयोग बना है. ऐसे में सावन के दूसरे सोमवार पर आज जल चढ़ाने के लिए शुभ मुहू्र्त, पूजन सामग्री, पूजा विधि, भोग और खास उपाय जानिए.
जल चढ़ाने के लिए शुभ मुहूर्त
सावन के दूसरे सोमवार पर आज शिवजी को जल अर्पित करने के लिए दो मुहूर्त अत्यंत शुभ हैं. पहला शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक है. जबकि दूसरा सबसे शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 15 मिनट से लेकर 7 बजकर 35 मिनट तक है. ऐसे भक्त अपनी सुविधा के अनुसार, किसी भी शुभ मुहूर्त में शिवजी को जल अर्पित कर सकते हैं.
पूजन सामग्री
गंगाजल, जल, दूध, दही, घी, फल, सफेद या पीले फूल, बेलपत्र, मंदार पुष्प, धतूरा, अक्षत, भांग, भांग के पत्ते, शमी के पत्ते, शहद, सफेद या लाल चंदन, हरी मूंग, मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग (अगर घर में पूजा कर रहे हैं तो) , गन्ने का रस, शिव कथा की किताब,
भोग
मौसम के अनुकूल फल, बेर, मखाना, मखाना का खीर, दूध की बर्फी, पंचामृत, सफेद मिठाई इत्यादि.
मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ नमः शिवाय
ॐ साम्ब सदा शिवाय नमः
शिवाय नमस्तुभ्यं
सावन सोमवार पूजन विधि
सावन सोमवार पर भगवान शिव को जल अर्पित करने से पहले स्नान कर साफ कपड़े पहनें. इसके बाद घर में पूजा स्थान पर बैठकर शिव परिवार समेत सभी देवी, देवता और कुल देवी या देवता की पूजा करें. इसके बाद शिव मंदिर में जाकर शिवजी को जल समेत सभी पूजन सामग्रियां बारी-बारी से चढ़ाएं. भगवान शिव को भोग लगाएं. महिलाएं अगर सावन सोमवार का व्रत रखीं हैं तो व्रत कथा का पाठ करें. आप चाहें तो शिव चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं. पूजन के दौरान शिवजी के मंत्रों का जाप करें. पूजन के बाद भक्ति भाव से शिवजी की आरती करें. अंत में क्षमा प्रार्थना करें.
सावन सोमवार उपाय
सावन सोमवार पर दूध, दही, चावल, चीनी इत्यादि वस्तुओं का दान करना शुभ माना गया है. इस चीजों का दान करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है. महिलाएं अगर सावन सोमवार का व्रत रखीं हैं तो उन्हें पूजन के क्रम में माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं भी अर्पित करने चाहिए.
अशुभ मुहूर्त में ना चढ़ाएं शिवजी को जल
यमगंड- सुबह 10 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक
दूर्मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 55 मिनट से 1 बजकर 49 मिनट तक और दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से 4 बजकर 31 मिनट तक
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