शनिदेव
Saturday Shani Dev: शनिवार का दिन शनि देव का दिन माना जाता है. शनि देव को खुश करने के लिए इस दिन विशेष तौर पर पूजा की जाती है. माना जाता है कि शनिवार के दिन शनि देव को सिर्फ सरसों का तेल (Mustard Oil Offered To Shani Dev) ही चढ़ाया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इससे एक धार्मिक कहानी भी जुड़ी हुई है. आइए जानते है शनिदेव से जुड़ी इस कहानी को.
यह है शनिदेव की कथा
कहते हैं कि एक समय न्याय के देवता शनि देव को अपनी ताकत पर काफी घंमड हो गया था. पवनपुत्र हनुमान जी के पराक्रम की चर्चा भी उस समय तीनों लोक मे थी. ऐसे में जब शनि देव को हनुमान जी की कीर्ति के बारे में पता चला तो उन्होंने बजरंगबली से युद्ध करने की सोची और वे इसके लिए निकल पड़े. शनि देव जब हनुमान जी के पास गए तो उन्होंने देखा कि बजरंग बली एक शांत स्थान पर बैठकर प्रभु श्री राम का ध्यान लगाए बैठे हैं.
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हनुमान जी को श्रीराम (Lord Shri Ram) का स्मरण करते देख शनिदेव ने उन्हें युद्ध करने के लिए उकसाने वाली बातें कहीं. बावजूद इसके हनुमान जी ने शनिदेव को समझाकर युद्ध न करने की सलाह दी. लेकिन शनिदेव हनुमान जी से युद्ध के लिए अड़े रहे और हनुमान जी को उकसाने के लिए अपने शब्दों के बाण छोड़ते रहे. इसके बाद तो हनुमान जी भी युद्ध के लिए तैयार हो गए. दोनों के बीच बड़ा ही भीषण युद्ध हुआ.
हनुमान जी के प्रहार से शनिदेव के शरीर पर कई चोटें आई. शनि देव चोट के दर्द से परेशान हो गए. इसके बाद हनुमान जी ने शनिदेव के घाव पर सरसों का तेल लगाया था. जिससे उनको काफी राहत मिली. इसके बाद से ही माना जाता है कि शनिदेव को सच्चे मन से सरसों का तेल चढ़ाने से शनि से जुड़ी दिक्कतों से मुक्ति मिल जाती है. माना जाता है कि उसके बाद से ही शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा है. इसके अलावा भी कई दूसरी कथाएं है, जिनके अनुसार शनिदेव को तेल चढ़ाने की मान्यता है.
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