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Astro Tips: इस शनिवार बन रहे हैं दुर्लभ संयोग, इन उपायों से दूर होगी पैसों की कमी

Astro Tips: शनिवार को शनि महाराज का विशेष दिन माना जाता है. वहीं इस शनिवार सूर्य के गोचर के अलावा कई अन्य शुभ संयोग भी बन रहे हैं.

Shani Dev

शनिदेव

Astro Tips: इस बार का शनिवार कई मायनों में खास रहने वाला है. सूर्य के गोचर के अलावा कई अन्य शुभ संयोग भी बन रहे हैं. इसके अलावा शनिवार के दिन शनिदेव की कृपा दृष्टि से इंसान की बिगड़ी किस्मत भी संवर जाती है.

वहीं इस शनिवार कुछ खास उपाय आपकों तमाम तरह की परेशानियों से निजात दिला सकते हैं. सूर्यदेव और शनिदेव की कृपा दृष्टि पाने के लिए आपको इस दिन कुछ खास उपाय करने होंगे.

शनिदेव की कृपा से संवरेगी किस्मत

सभी ग्रहों में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. इंसान को उसके उसके अच्छे या बुरे कर्मों का फल वे ही देते हैं. शनिवार को शनि महाराज का विशेष दिन माना जाता है. यह शनिदेव की पूजा करने का विशेष दिन है.

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार राहु ग्रह से संबंधित दोष और कुंडली में अशुभ स्थान पर बैठे शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति के लिए भी इस शनिवार कुछ उपाय आपकी बिगड़ी किस्मत संवार सकते हैं.

शनिदेव का ऐसा मंदिर है खास

अगर आप के आसपास शनिदेव का कोई ऐसा मंदिर है, जिसके पास से कोई नदी गुजरती हो तो ऐसे मंदिर का चयन करने पर विशेष तौर पर लाभ मिलता है. उपाय के लिए इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सबसे पहले स्नान करने के बाद काले वस्त्र धारण करें.

इसके बाद शनि देव की प्रतिमा के ठीक सामने आपको सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाना है. इस बात का जरुर ध्यान रहे की जब आप शनिदेव के दर्शन कर रहे हों तो उनकी आंखों में देखने का प्रयास न करें.

फिर शनिदेव को नीले या काले रंग का पुष्प अर्पित करें. इसके बाद अपनी मनोकामना या जो तकलीफ हो उनसे कहें. संक्रांति होने के कारण इस दिन काली उड़द और सरसों के तेल का दान करें.

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सूर्यदेव के लिए करें यह उपाय

इस स्तोत्र का संबंध सूर्य देव से होने के कारण उनकी उपासना मे इसका विशेष महत्व माना गया है. इसका नाम है आदित्य हृदय स्तोत्र. वाल्मीकि कृत रामायण में बताया गया है कि रावण पर विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से इस स्तोत्र को ऋषि अगस्त्य ने प्रभु श्रीराम को दिया था.

शास्त्रों की मानें तो इस स्त्रोत का पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. इस खास दिन में इसका पाठ लाभ दिलाएगा. चूंकि भगवान श्रीराम ने इसे रावण से युद्ध के पूर्व विजय की लालसा से किया था, इसलिए इसका पाठ किसी भी महत्वपूर्ण काम को करने से पहले भी किया जा सकता है. वहीं इसके पाठ से धन आगमन के स्त्रोत बनने लगते हैं.

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