शनि देव.
Shani SadeSati Dhaiya: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को क्रूर माना गया है. कहा जाता है कि शनि देव जब किसी पर अपनी शुभ दृष्टि रखते हैं तो जीवन के तमाम क्षेत्रों में अपार सफलता मिलती है. कुछ ज्योतिषी तो यह भी बताते हैं कि शनि की कृपा से रंक भी राजा बन सकता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस वक्त 3 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, जबकि दो पर ढैय्या का प्रभाव है. ऐसे में आइए जानते हैं कि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की लिस्ट में किन राशियों का नाम शामिल है और अगले साल यानी 2025 में किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी और शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के बचने के लिए क्या करना अच्छा रहेगा.
किन राशियों पर है साढ़ेसाती और ढैय्या?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 2023 में शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश किए थे. इस स्थिति में ये 29 मार्च 2025 तक रहेंगे. शनि देव के कुंभ राशि में मौजूदगी की वजह से मकर, कुंभ और मीन राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है. जबकि, कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है.
मकर और कुंभ राशि पर कब खत्म होगा साढ़ेसाती का असर?
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, मकर राशि से साढ़ेसाती 29 मार्च 2025 को खत्म हो जाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण है. जबकि, कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है जो कि 23 फरवरी 2028 को खत्म हो जाएगा.
मीन राशि से कब खत्म होगी शनि की साढ़ेसाती?
इस वक्त मीन राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इस राशि से साढ़ेसाती का प्रभाव 7 अप्रैल 2023 को खत्म हो जाएगा.
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के उपाय
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान शनि मंत्र- ‘ओम् प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः’ इस मंत्र का जाप करने से राहत मिलती है.
शनिवार, शनि देव को समर्पित माना गया है. इसलिए इस दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए. ऐसा करने से शनि की पीड़ा कम होती है.
शनि देव की कृपा पाने के लिए हर रोज हनुमान चालीसा का कम से कम एक बार पाठ जरूर करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि ऐसा करने से भी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान सुकून मिलता है.
प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को हनुमान मंदिर जाना चाहिए. वहां हनुमान जी पूजा करनी चाहिए. यह उपाय भी शनि देव की कृपा दिलाने में सहायक है.
तीन महीने में एक बार इस्तेमाल किए हुए चप्पल को किसी मंदिर के बाहर छोड़ देना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या का असर धीरे-धीरे कम होने लगता है.
जरूरतमंदों में काले चप्पल, जूते या छाता (काला) का दान करना चाहिए.
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