शीतला अष्टमी 2024
Sheetala Ashtami 2024: सनातन धर्म में शीतला अष्टमी पर्व का खास धार्मिक महत्व है. इस पर्व के बारे में पुराणों में भी जिक्र किया गया है. स्कंद पुराण के अनुसार, संसार को रोगमुक्त और स्वस्थ रखने का काम ब्रह्मा जी ने माता शीतला को सौंपा. यही वजह है चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला माता की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन दान भी किया जाता है ताकि धर-परिवार के लोग स्वस्थ और आनंद रहें. इसके अलावा इस दिन लोग बच्चों की अच्छी सेहत के लिए भी माताएं शीतला माता की विशेष पूजा-अर्चना करती हैं. ऐसे में यहां शीतला अष्टमी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, समय, महत्व, उपाय और दान के बारे में विस्तार से जानिए.
शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त 2024
पंचांग के अनुसार, शीतला अष्टमी तिथि की शुरुआत 1 अप्रैल शाम 9 बजकर 09 मिनट से हो चुकी है. जो कि 2 अप्रैल को शाम 8 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी. इस साल शीतला अष्टमी 2 अप्रैल को मनाई जाएगी. शीतला अष्टमी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 31 मिनट से शाम 6 बजकर 53 मिनट तक है.
शीतला अष्टमी पर किन चीजों का करें दान
- शीतला अष्टमी के दिन दान करने की परंपरा है. ऐसे में इस दिन भूखों को भोजन कराना चाहिए. अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं, को जरुरतमंदों को भोजन की सामग्री दान के तौर पर प्रदान करें. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में धन और अन्न की कोई कमी नहीं रहती है.
- शास्त्रों के अनुसार, इस दिन लोगों को ठंढ़ा पानी पिलाने और मिठाई खिलाने से घर में क्लेश नहीं होता है.
- शीतला अष्टमी के दिन मंदिर में झाड़ू और सूप का दान करना शुभ माना गया है. मान्यता है कि इससे शीतला माता जल्द प्रसन्न होती हैं.
- शीतला अष्टमी के दिन मिट्टी के बर्तन बनाने वालों को खाने-पीने की वस्तुएं दान कारनी चाहिए. साथ ही उन्हें कुछ दक्षिणा (रुपये-पैसे) की देना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मान्यता है कि इस दिन कुम्हारन की पत्नी नहीं खाती है, तब तक शीलता माता की पूजा सफल नहीं होती.
शीतला अष्टमी व्रत का महत्व
शीतला अष्टमी व्रत के महत्व की चर्चा स्कंद पुराण में भी की गई है. स्कंद पुराण के मुताबिक, ब्रह्मा जी ने शीतला माता को सृष्टि को स्वच्छ और रोगमुक्त रखने का दायित्व सौंपा. यही वजह है कि उन्हें स्वच्छता की देवी की तौर पर पूजा जाता है.
शीतला अष्टमी उपाय
शीतला अष्टमी को लेकर ज्योतिष शास्त्र में कुछ खास उपाय बताए गए हैं. इन उपायों के करने से खास लाभ मिलता है. साथ ही माता शीतला की कृपा प्राप्त होती है. ऐसे में शीतला अष्टमी के दिन ठंढ़े पानी में गंगाजल मिलाकर नहाएं. इस उपाय का धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक कारण दोनों ही खास हैं. गर्मी के मौसम में ठंढ़े पानी से स्नान करने पर कई प्रकार के रोग दूर होते हैं.
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