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Tungnath Temple: उत्तराखंड में है दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर, पांडव और माता पार्वती का है खास रिश्ता, पूरी होती है हर मनोकामना 

Tungnath Temple: कहा जाता है कि इतनी उंचाई पर बसे इस शिव मंदिर की खोज 18वीं सदी में महान संत शंकराचार्य द्वारा की गई थी.

Tungnath-Temple

उत्तराखंड का तुंगनाथ मंदिर

Tungnath Temple: उत्तराखंड के तुंगनाथ मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यह दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है. देवभूमि उत्तराखंड की गोद में बसा यह सिद्ध मंदिर महादेव और माता पार्वती को समर्पित है. इस प्राचीन मंदिर को लेकर अनेक मान्यताएं है. कहते हैं कि यहां मांगी हर मुराद पूरी हो जाती है. यही कारण है कि यहां देश-दुनिया के कोने-कोने से भक्त अपनी मुराद लेकर बाबा भोलेनाथ के दरबार में अर्जी लगाने चले आते हैं.

शंकराचार्य ने की थी पांडवों द्वारा निर्मित मंदिर की खोज

कहा जाता है कि इतनी उंचाई पर बसे इस शिव मंदिर की खोज 18वीं सदी में महान संत शंकराचार्य द्वारा की गई थी. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित इस शिव मंदिर को लेकर मान्यता है कि इसका निर्माण पांडवों द्वारा कराया गया था. इस कारण इस मन्दिर को महाभारत कालीन माना जाता है. एक और खास बात यह है कि मंदिर में भगवान शिव के ‘पंचकेदार’ रूप में से एक की पूजा की जाती है.

इस वजह से पांडवों ने कराया था मंदिर का निर्माण

हजारों साल पुराने इस मंदिर और इस जगह का संबंध महाभारत काल से है. मंदिर के बारे में प्रचलित कथाओं के अनुसार जब महाभारत का युद्ध खत्म हो गया तो इसमें मारे गए लोगों के विषय में सोचकर पांडव अत्यंत दुखी हो उठे. अपने मन में उठते इस ज्वार भाटे से शांति पाने के लिए वे हिमालय चले आए. तब उन्होंने उस समय भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए इस शिव मंदिर का निर्माण करवाया था. वहीं मंदिर को लेकर एक और मान्यता यह भी है कि माता पार्वती ने भी यहां तप किया था.

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केदारनाथ और बद्रीनाथ के बीच में तुंगनाथ

तुंगनाथ मन्दिर केदारनाथ और बद्रीनाथ मन्दिर के लगभग बीच में स्थित है. यह बहुत ही खूबसूरत इलाका है, जहां जनवरी और फ़रवरी के महीनों में आमतौर पर बर्फ गिरती रहती है. वहीं जुलाई-अगस्त के महीनों में इसकी सुंदरता और भी अधिक बढ़ जाती है. तुंगनाथ पर्वत पर स्थित इस शिव मंदिर की ऊंचाई 3640 मीटर है.

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