महाकाल में होलिका दहन
Ujjain: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले होली खेली गई. महाकाल की संध्या आरती के बाद यहां होलिका दहन किया गया. इसके बाद ही मंदिर में होली के पर्व की शुरुआत हो गई. संध्या कालीन आरती के दौरान मंदिर के पंडे-पुजारियों ने बाबा महाकाल के साथ हर्बल गुलाल और फूलों से जमकर होली खेली. इसके बाद तो पूरा मंदिर परिसर रंगों और फूलों से लद गया.
श्रद्धालुओं ने भी खेली बाबा महाकाल संग होली
आज के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल के दरबार में उनसे होली खेलने आए थे. महाकाल की भक्तों ने उनके साथ अबीर-गुलाल उड़ाते हुए पूरे हर्षोल्लास के साथ होली खेली. जब महाकाल की आरती हो रही थी उसी दौरान रंग और गुलाल उड़ने शुरु हो गए थे. इसके बाद तो पूरा मंदिर परिसर गुलाल और रंगों से इस कदर पट गया कि चारों ओर बस रंग ही रंग नजर आ रहे थे.
महाकाल के दरबार से त्योहार की शुरुआत
भगवान महाकाल को तीनों लोक का स्वामी माने जाने के कारण ही उनके दरबार में कोई भी पर्व सबसे पहले मनाया जाता है. भगवान महाकाल के आंगन में किसी तरह का मुहूर्त भी नहीं देखा जाता है. मिली जानकारी के अनुसार महाकाल मंदिर में आज रात 8:00 बजे होलिका दहन हुआ. महाकाल मंदिर के आंगन में आज गोधूलि बेला में होलिका दहन किया गया. देशभर में इसके बाद मुहूर्त देखकर होलिका दहन किया जाएगा. महाकाल में होने वाले होलिका दहन का खास महत्व है.
कोरोना काल के बाद यह पहला अवसर है जब पूरी छूट के साथ भक्तों ने बाबा महाकाल के साथ होली खेली है. आज के दिन होलिका दहन और होली पर्व के लिए महाकाल मंदिर परिसर में खास तौर पर तैयारी की गई थी. अब एक दिन बाद 8 मार्च को भस्म आरती के बाद मंदिर परिसर में धुलेंडी का त्योहार पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा.
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आरती में गूंजा जय महाकाल
आज के दिन महाकाल में सभी को कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम से दर्शन की अनुमती मिली. जब महाकाल की आरती हो रही थी तभी महाकाल मंदिर परिसर महाकाल के जयकारों से गूंज उठा. आज के बाद 8 मार्च को सुबह भस्म आरती के दौरान टेसू के फूलों से भगवान महाकाल के साथ एक बार फिर से होली खेली जाएगी.