Geeta Jayanti 2024: हर वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है. यह दिन भगवद्गीता के प्रकट होने का पर्व है, जब भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध भूमि कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. एक प्राचीन कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को गीता का दिव्य ज्ञान दिया था, ताकि वह अपनी मानसिक उलझनों को सुलझा सके और धर्म तथा कर्म के मार्ग पर अग्रसर हो सके.
महाभारत के युद्ध भूमि में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को आत्मा, धर्म, कर्म, भक्ति, ज्ञान और मोक्ष के गहरे रहस्यों से अवगत कराया था. इस उपदेश में मुख्य रूप से निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातें बताई गईं:
1. कर्म करो, फल की चिंता मत करो- श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों को बिना किसी स्वार्थ और फल की इच्छा के पूरे निष्ठा से करना चाहिए.
2. आत्मा अमर है- भगवान ने बताया कि शरीर नाशवान है, लेकिन आत्मा न कभी जन्मती है और न मरती है, वह शाश्वत और अविनाशी है.
3. समर्पण और भक्ति का महत्व- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यह सिखाया कि भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण और भक्ति से ही मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है.
4. योग और ध्यान की आवश्यकता- श्रीकृष्ण ने कहा कि योग का अभ्यास और ध्यान मानसिक शांति और आत्मा की शुद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
गीता जयंती पर करें ये काम?
1. भगवद्गीता का पाठ- इस दिन गीता के श्लोकों का पाठ करना और उनके अर्थ पर चिंतन करना शुभ माना जाता है। यह हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है.
2. ध्यान और प्रार्थना- भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और ध्यान करने से मन को शांति मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है.
3. धार्मिक आयोजन- इस दिन मंदिरों में गीता जयंती के अवसर पर प्रवचन, कीर्तन और कथा का आयोजन किया जाता है, जिससे भक्तगण गीता के उपदेशों को सुनकर अपने जीवन में उनका पालन कर सकें.
4. दान और सेवा- गीता जयंती पर गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना और सेवा कार्य करना पुण्यकारक माना जाता है, जो आत्मा की शुद्धि और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए सहायक होता है.
ये भी पढ़ें- शनिवार को शॉपिंग करते समय इन सामानों से रखें दूरी, वरना हो सकता है शनि दोष
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.