Importance of Dahi-Chiwda on Makar Sankranti: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का अत्यधिक महत्व है. इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे उत्तरायण कहा जाता है. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने और स्नान-दान करने का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली में सूर्य की कमजोर स्थिति मजबूत होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति बनी रहती है.
मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा के बाद दही-चिवड़ा खाने की परंपरा है. इसे खाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों आधार हैं.
दही-चिवड़ा का धार्मिक महत्व
दही और चिवड़ा को सूर्य देव का प्रसाद माना जाता है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को दही-चिवड़ा चढ़ाने से उनका आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है. साथ ही, यह कुंडली में ग्रह दोषों को दूर करता है.
इसके अलावा, दही-चिवड़ा का सेवन मन को शुद्ध करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है. विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार में मकर संक्रांति पर दही-चिवड़ा खाने की परंपरा गहराई से जुड़ी हुई है.
दही-चिवड़ा के स्वास्थ्य लाभ
दही-चिवड़ा खाने के धार्मिक महत्व के साथ इसके स्वास्थ्य लाभ भी महत्वपूर्ण हैं…
पाचन में सुधार: दही-चिवड़ा का सेवन पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे यह वजन घटाने में मददगार होता है.
आंतों की सेहत: दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं.
ऊर्जा का स्रोत: चिवड़ा (चूड़ा) ऊर्जा का अच्छा स्रोत है, जो पूरे दिन की सक्रियता बनाए रखता है.
कैसे बनाएं दही-चिवड़ा
- एक बाउल में दही लें और उसे अच्छे से फेंट लें.
- इसमें अपनी पसंद अनुसार चीनी या गुड़ मिलाएं.
- इसे 1-2 मिनट के लिए छोड़ दें, ताकि मिठास दही में घुल जाए.
- अब इसमें चिवड़ा मिलाएं और 5 मिनट तक छोड़ दें, ताकि चिवड़ा दही के साथ अच्छे से मिक्स हो जाए.
- अब आपका दही-चिवड़ा तैयार है, जिसे आप मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर आनंद लेकर खा सकते हैं.
इस प्रकार दही-चिवड़ा का सेवन न केवल धार्मिक मान्यताओं को पूरा करता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.