दिल्ली हाई कोर्ट.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रियल एस्टेट निवेश कंपनी यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों को उनके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में जमानत दिए जाने को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनाैती दी है. अदालत ने याचिका पर अजय चंद्रा व अन्य से जवाब मांगा है. जस्टिस जसमीत सिंह की कोर्ट मामले में सुनवाई कर रही हैं. कोर्ट 26 मार्च को अगली सुनवाई करेगा.
चंद्रा को सबसे पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने घर खरीदारों की शिकायतों पर मामला दर्ज किया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है. इसके बाद ईडी ने फ्लैट खरीदारों से एकत्र किए गए धन के गबन के आरोपों पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.
जानें क्या है पूरा मामला
7 जून, 2024 को पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धीरज मोर ने तत्कालीन यूनिटेक प्रमोटरों को जमानत दे दी, यह देखते हुए कि वे अधिकतम जेल की सजा के एक बड़े हिस्से के लिए विचाराधीन कैदियों के रूप में जेल में रहे हैं. अन्य दलीलों के अलावा, चंद्रा ने तर्क दिया था कि 2017 और 2020 के बीच बड़ी संख्या में यूनिटेक फ्लैट वितरित किए गए थे. यह भी कहा गया कि लगभग 850 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट में जमा किए गए थे, जिनमें से बड़ी रकम घर खरीदारों को वापस कर दी गई थी.
ईडी ने अब जून 2024 के जमानत आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. ईडी के स्थायी वकील विवेक गुरनानी ने तर्क दिया कि जमानत आदेश में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 को गलत तरीके से लागू किया गया है और यह मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जमानत के मामले में विजय मदनलाल फैसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के खिलाफ है.
-भारत एक्सप्रेस
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