आर्यना सबालेंका
सऊदी अरब में पहली बार महिला टेनिस एसोसिएशन (WTA) फाइनल चैंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है. WTA ने सऊदी टेनिस फेडरेशन के साथ तीन साल का करार किया है, जिसके तहत वह रियाद में अपना सीजन फाइनल आयोजित करेगा. टूर्नामेंट का पहला संस्करण शनिवार (2 नवंबर) को किंग सऊद यूनिवर्सिटी इंडोर एरिना में शुरू होगा.
यह टूर्नामेंट सऊदी टेनिस फेडरेशन द्वारा सऊदी खेल मंत्रालय की देखरेख में और पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) के स्पॉन्सरशिप में आयोजित किया जा रहा है. यह सऊदी अरब के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह पहली बार किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय महिला खेल आयोजन की मेजबानी कर रहा है.
महिला टेनिस के लिए एक ऐतिहासिक कदम
WTA टूर 2024 के फाइनल्स में शीर्ष खिलाड़ी सिंगल्स और डबल्स में राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में खेलेंगी. इसमें टॉप रैंकिंग वाली खिलाड़ी आर्यना सबैलेन्का (Aryna Sabalenka), इगा स्वियातेक (Iga Swiatek), 2023 की चैंपियन कोको गॉफ (Coco Gauff) और जेसिका पेगुला (Jessica Pegula) जैसी खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगी.
यह आयोजन महिला टेनिस के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि यह महिलाओं के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंधात्मक कानूनों लागू करने वाले देश में हो रहा है. यह निर्णय विवादों से मुक्त नहीं रहा, क्योंकि आलोचकों का तर्क है कि WTA का यह निर्णय लैंगिक समानता और स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से समझौता करने का जोखिम उठाता है, क्योंकि महिला खेल को ऐसे देश में लाया गया है, जो अभी भी इन मुद्दों से जूझ रहा है.
आयोजन को लेकर आलोचनाएं
सऊदी अरब में इस आयोजन को लेकर कुछ आलोचनाएं भी हो रही हैं, क्योंकि सऊदी के मानवाधिकार और महिलाओं के अधिकारों को लेकर उसकी आलोचना होती रही है.
हालांकि, दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी कोको गॉफ ने सऊदी अरब जाने से पहले देश के नेताओं से इस मुद्दे पर चर्चा की थी. गॉफ ने सऊदी अरब की अमेरिकी राजदूत, राजकुमारी रीमा बिंत बंदर अल-सऊद (Reema Bint Bandar Al Saud) से मुलाकात की और वहां महिलाओं की स्थिति के बारे में चर्चा की.
सऊदी अरब पर कई बार स्पोर्ट्स वॉशिंग (Sportswashing) का आरोप लगा है, जिसमें खेलों का उपयोग करके अपनी छवि सुधारने की कोशिश की जाती है. गॉफ ने सऊदी में महिलाओं की स्थिति को समझने के लिए अपने अफ्रीकन अमेरिकन (African Americans) समुदाय के अनुभवों का उदाहरण दिया. उन्होंने बताया कि उनके दादी के समय में अमेरिका में नस्लीय भेदभाव (Racial Discrimination) था, और बदलाव धीरे-धीरे आया.
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गॉफ का कहना था कि जिस तरह अमेरिका में अश्वेत समुदाय को समान अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ा, वैसे ही सऊदी में भी महिलाओं और अन्य समूहों के अधिकारों को बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर हम छोटे-छोटे कदम लेकर बदलाव लाने की कोशिश करें, तो भविष्य में स्थिति बेहतर हो सकती है.
20 वर्षीय गॉफ ने शुरू में इस आयोजन स्थल को लेकर असहज महसूस करने की बात स्वीकार की, लेकिन वह खुद देखना चाहती थीं कि क्या प्रगति हो रही है. अमेरिकी टेनिस स्टार ने संवाददाताओं से कहा, “जाहिर है कि मैं सऊदी में स्थिति से बहुत वाकिफ हूं. इस पर मेरा विचार यह है कि मुझे लगता है कि खेल लोगों के लिए दरवाजे खोल सकता है. मुझे लगता है कि बदलाव की चाहत रखने के लिए, आपको इसे देखना होगा. मुझे लगता है कि मेरे लिए खेल, मैं कहूंगी कि इसे पेश करने का सबसे आसान तरीका है.”
रियाद में इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही गॉफ ने कहा कि उन्हें अब तक जो प्रगति दिखी है उससे वे खुश हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा, “अगर मुझे कभी असहज लगे या ऐसा लगे कि कुछ नहीं बदल रहा, तो शायद मैं यहां (सऊदी अरब) वापस न आऊं.”
आर्यना सबालेंका ने क्या कहा
दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी आर्यना सबालेंका ने भी टूर्नामेंट के स्थान और महिलाओं के खेल के लिए इसके महत्व के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए अपना विचार व्यक्त किया. बेलारूस की इस टेनिस खिलाड़ी ने कहा, “मैं पिछले साल ओन्स (जबूर) के साथ एक प्रदर्शनी मैच में यहां आई थी, और मैंने देखा कि यहां सब कुछ काफी शांत है.” उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में प्रतिस्पर्धा करने में उन्हें कोई व्यक्तिगत समस्या नहीं है.
सबालेंका ने सऊदी अरब द्वारा महिलाओं के खेल सहित विश्वस्तरीय खेल आयोजनों को आकर्षित करने में किए गए निवेश की प्रशंसा की, इसे “अविश्वसनीय” बताया और क्षेत्र में महिला टेनिस के लिए इतिहास बनाने में मदद करने पर गर्व व्यक्त किया.
-भारत एक्सप्रेस