नीतू घंघास
World Boxing Championship: भारत की नीतू घंघास (48 किग्रा) विश्व चैंपियन बन गई हैं. नीतू ने शनिवार को दो बार की एशियाई चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता मंगोलिया की लुत्सेखान अल्तांसेटसेग को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. दोनों मुक्केबाजों ने मुकाबले में आक्रामक शुरूआत की लेकिन यह नीतू ने मंगोलियाई मुक्केबाज के चेहरे पर पंच लगाए और पहला राउंड 5-0 से जीत लिया.
दूसरा राउंड नजदीकी हुआ लेकिन नीतू इसे 3-2 से जीतने में कामयाब रहीं. इसके बाद तीसरे राउंड में नीतू ने स्मार्ट तरीके से खेलते हुए अपनी जीत पक्की की और गोल्ड पर कब्जा जमाया. खास बात रही कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान नीतू ने अपना दबदबा बनाये रखा. उन्होंने रेफरी स्टॉप कॉन्टेस्ट (आरएससी) फैसलों के जरिये तीन बाउट जीती है.
हरियाणा की मुक्केबाज ने 2017 में गुवाहाटी में विश्व युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज की. उन्होंने 2018 में बुडापेस्ट में वल्र्ड यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर बड़े मंच पर अपना कौशल दिखाया. रूढ़िवादी परिवार से आने के कारण, इस बात की बहुत कम गुंजाइश थी कि वह खेल की दुनिया में प्रवेश कर सकेंगी. लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वह बॉक्सर बने.
कई चुनौतियों को पार कर हासिल किया मुकाम
हालांकि, नीतू के पिता जय भगवान को ऐसा करने के लिए पूरे परिवार की इच्छा के विरुद्ध जाना पड़ा. उन्हें अपने कार्यालय (चंडीगढ़ विधान सभा के एक कर्मचारी) से तीन वर्षों के लिए छुट्टी लेनी पड़ी. उनका परिवार गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था. इसने ही नीतू को अपना दिल और आत्मा बॉक्सिंग में लगाने और विजेता बनने के लिए प्रेरित किया.
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वह धीरे-धीरे जिला स्तर पर रैंकों के माध्यम से आगे बढ़ीं, वह प्रसिद्ध मुक्केबाजी कोच जगदीश सिंह की नजर में आईं, जो कठिन कार्य के मास्टर थे, जिन्होंने विजेंदर सिंह को बीजिंग ओलंपिक कांस्य पदक जीतने में मदद की. नीतू के कौशल और तकनीकों में तेजी से सुधार हुआ और उन्होंने राज्य का प्रतिनिधित्व किया और 2015 में अपना पहला राष्ट्रीय खिताब जीता। तब से, उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
-आईएएनएस