Bharat Express

Ashok Gehlot

सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान विजन 2030 डॉक्यूमेंट लांच किया। साथ ही 12,700 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया।

राजस्थान में अब चुनावी माहौल पूरी तरह सज चुका है. चुनाव आयोग कभी भी चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है और उसके साथ ही आचार संहिता भी लग जाएगी.

CM Ashok Gehlot: अगर पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डाले तो बीजेपी को पाली, उदयपुर में काफी मजबूत रही है. पाली में उसे 5 तो वहीं उदयपुर में उसे 4 बार जीत मिली है.

राजस्थान में इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव साल 2013 और 2018 के चुनावों से अलग हैं। पिछले दोनों चुनावों में राहुल गांधी लीड कर रहे थे, लेकिन इस बार खुद मुख्यमंत्री गहलोत फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं। 2003, 2008 व 2013 के चुनाव वसुंधरा V/S गहलोत थे।

Rajasthan Election 2023: पिछले चुनाव की बात करें तो राजस्थान में 38 जाट और आठ गुर्जर विधायक जीते थे. कांग्रेस ने 15 मुस्लिम उतारे थे, लेकिन जीते सिर्फ 7. मीणा से 18 विधायक बने. इनमें कांग्रेस के 9 और भाजपा के पांच और तीन निर्दलीय हैं.

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले एक मोर्चे पर कांग्रेस के खेमे में राहत नजर आ रही है. लंबे समय से सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच खींचतान अब नरमी में तब्दील होती नजर आई है.

कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व राजस्थान में टिकट चयन प्रक्रिया के प्रारंभिक चरण को सिर्फ प्रदेश चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी के भरोसे नहीं छोड़ना चाहता। पैनल बनने से लेकर नाम फाइनल होने तक दिल्ली का पूरा दखल रहेगा। एआईसीसी का पूरा फोकस है कि एक भी कमजोर और सिफारिशी उम्मीदवार मैदान में न आने पाए।

सीएम अशोक गहलोत के विजन-2030 डॉक्यूमेंट के लिए अब तक 3 करोड़ 14 लाख 66 हजार 312 सुझाव आए हैं। ये सुझाव विषय विशेषज्ञों ने नहीं बल्कि प्रदेश के आमजन ने दिए हैं। आम आदमी को फ्री की दो ही चीजें दीजिए- शिक्षा व स्वास्थ्य। पब्लिक का कहना है कि मनरेगा पर भारी पैसा लग रहा है,मॉडल बदलिए।

राजस्थान में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ताबड़तोड़ दौरे चर्चा में हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में इस पर खुलकर आपत्ति जताई है. गहलोत ने कहा है कि उपराष्ट्रपति एक दिन में चार-पांच दौरे कर रहे हैं.पूरे प्रोटोकॉल के तहत दौरे पर आ रहे हैं जबकि राजस्थान में चुनाव हैं.

Rajasthan Politics: माना जा रहा है कि पायलट के सुर भले ही नरम पड़े हों लेकिन उनके समर्थकों के तेवर अभी भी तीखे हैं.