अष्ट बलिदानी:- भावी पीढ़ियों के लिए बुनियादी दस्तावेज
आज जब देश अपने अमृत काल में प्रवेश कर चुका है तब "अष्ट बलिदानी" खण्डकाव्य के रचयिता संजीव कुमार त्यागी ने इस घटना को विश्व पटल पर सकारात्मकता के साथ रेखांकित एवं पुनर्स्थापित किया है।
आज जब देश अपने अमृत काल में प्रवेश कर चुका है तब "अष्ट बलिदानी" खण्डकाव्य के रचयिता संजीव कुमार त्यागी ने इस घटना को विश्व पटल पर सकारात्मकता के साथ रेखांकित एवं पुनर्स्थापित किया है।