क्या 2024 में कांग्रेस की नैया पार लगाएंगे भूमिहार ?
राजनीति में जातीय फैक्टर को ना तो इग्नोर किया जा सकता है और ना ही नकारा जा सकता. हां यह जरूर है की जब विचारधारा की बात होती है तो उसमें जातीय समीकरण टूटते नज़र आते हैं.
राजनीति में जातीय फैक्टर को ना तो इग्नोर किया जा सकता है और ना ही नकारा जा सकता. हां यह जरूर है की जब विचारधारा की बात होती है तो उसमें जातीय समीकरण टूटते नज़र आते हैं.