PM मोदी ने सोमवार को UN समिट ऑफ द फ्यूचर में भाषण दिया
UN Summit For Future: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सत्र को संबोधित किया. पीएम मोदी ने ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को लेकर दिए लगभग 4 मिनट के भाषण में दुनिया के सुरक्षित भविष्य को लेकर भारत का पक्ष रखा.
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र (UN) से विश्व की बड़ी संस्थाओं में बदलाव की मांग की. उन्होंने कहा, “मानवता की सफलता मिलकर काम करने में है. जंग के मैदान में नहीं. दुनिया की शांति के लिए वैश्विक संस्थाओं में बदलाव जरूरी है.”
Speaking at Summit of the Future at the @UN. https://t.co/lxhOQEWEC8
— Narendra Modi (@narendramodi) September 23, 2024
संबोधन के अंत में उन्होंने ‘मनसा वाचा कर्मणा’ बोलकर कहा कि भारत इसी तरह विश्व की भलाई के लिए काम करता रहेगा.
‘विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र ने मुझे तीसरी बार चुना’
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, “विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और उसके 140 करोड़ लोगों की तरफ से आपको नमस्कार. जून में मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में लोगों ने मुझे तीसरी बार सेवा का मौका दिया है.”
‘वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए वैश्विक कार्रवाई’
यूएन में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित करते हुए भारतीय पीएम मोदी ने कहा, “वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए के लिए एक तरफ आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है, तो दूसरी तरफ साइबर स्पेस जैसे संघर्ष के नए-नए मैदान भी बन रहे हैं. इन सभी विषयों पर मैं जोर देकर कहूंगा कि वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए.”
‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ भारत का कमिटमेंट
उन्होंने कहा कि भारत के लिए ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ एक कमिटमेंट है. अफ्रीकन यूनियन को नई दिल्ली समिट में जी-20 की स्थायी सदस्यता इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था. हमें ऐसी ग्लोबल डिजिटल गवर्नेंस चाहिए, जिससे राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रहे.
‘मानव कल्याण, भोजन, स्वास्थ्य आहार सुनिश्चित करना होगा’
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, “सतत विकास को प्राथमिकता दी गई. हमें मानव कल्याण, भोजन, स्वास्थ्य आहार सुनिश्चित करना होगा. भारत में 250 मिलियन लोग गरीबी से बाहर आए हैं, इससे पता चलता है कि सतत विकास सफल हो सकता है.”
उन्होंने कहा कि जून में मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है और आज मैं यहां मानवता के छठे हिस्से की आवाज आप तक पहुंचाने आया हूं. जब हम ग्लोबल फ्यूचर के बारे में बात कर रहे हैं तो मानव-केंद्रित दृष्टिकोण सर्वप्रथम होनी चाहिए.
‘हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है मानवता की सफलता’
पीएम मोदी ने कहा, “मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है ना कि युद्ध के मैदान में. वैश्विक शांति एवं विकास के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार महत्वपूर्ण हैं. सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है. डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर लोगों के लिए एक पुल होना चाहिए न कि किसी के लिए बाधा बनना चाहिए और भारत यह विश्व के साथ साझा करने के लिए तैयार है.” उन्होंने अंत में कहा- भारत मनसा वाचा कर्मणा से काम करता रहेगा.
— भारत एक्सप्रेस