खुद की नियुक्ति करने वालों को ही गुमराह कर रहे हैं जिमखाना में नियुक्त सरकारी नुमाइंदे, फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट छिपाने का आरोप
जिमखाना क्लब के पास सदस्यता शुल्क सहित अन्य माध्यमों से दो सौ करोड़ रुपए से ज्यादा रकम जमा थी. इस पैसे को इन्वेस्ट करने के लिए एडवाइजर नियुक्त होना था.
आला पुलिस अफसरों ने थानाध्यक्ष को बनाया बलि का बकरा!
जिमखाना के प्रबंधन द्वारा प्रधानमंत्री आवास के साथ ड्रोन उड़ाने का मामला अब दिल्ली पुलिस के गले की हड्डी बन गया है. इस मामले में पुलिस को तमाम सबूत और शिकायत दी गई. लेकिन आईबी से सेवानिवृत्त एक अफसर के दबाव में आला अधिकारियों ने मामला दर्ज नहीं किया. सूत्रों की मानें तो कल तक कानून का मखौल बनाने वाले इन्हीं अधिकारियों ने अदालत के हस्तक्षेप के बाद थानाध्यक्ष को बलि का बकरा बनाकर लाइन हाजिर कर दिया है.
सरकारी नुमाइंदों ने जिमखाना में फिर कराई फजीहत!
कोरोना काल से ही सरकारी प्रबंधन पर आरोप लग रहा था कि कानूनी लड़ाई के नाम पर क्लब का एक करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा खर्च कर दिया गया.
‘डेविस कप घोटाले’ में पूर्व कांग्रेसी और भाजपा नेता को जिमखाना के निदेशकों ने दी क्लीन चिट, उठे सवाल
गौरतलब है कि आम सभा की बैठक बुलाने का फैसला सरकारी निदेशकों ने क्लब सदस्यों की पहल के बाद लिया गया है. क्लब के 30 वरिष्ठ सदस्यों ने क्लब को ईमेल भेजकर आपातकालीन आम सभा बुलाने की मांग की थी.