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Delhi-NCR -Pollution

एक्यूआई 201 से 300 के बीच रहने पर ग्रैप का पहला चरण लागू किया जाता है. इसमें निर्माण और विध्वंस से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन से संबंधित निर्देश लागू होते हैं. खुली जगहों पर कचरा जलाने और फेंकने पर रोक लगाई जाती है.

मौसम में बदलाव के साथ राष्ट्रीय राजधानी की चिंता बढ़ने लगी है। अभी भले ही एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘संतोषजनक’ अथवा ‘मध्यम’ श्रेणी में चल रहा है लेकिन पंजाब-हरियाणा में पराली जलनी शुरू हो गई है।

द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में एक साल के अंदर 90 लाख लोगों की मौत प्रदूषण के चलते हुई. जिनमें से 66 लाख 70 हजार लोगों की मौत का कारण वायु प्रदूषण बना. भारत में 2019 में प्रदूषण से मरने वालों की संख्या 23.5 लाख थी.

हवा में जहरीली गैस, धूल या धुआं इंसानों से लेकर जानवरों और पौधों के लिए खतरनाक है. प्रदूषित हवा की वजह से इंसान एवं जानवरों की औसत आयु में कमी देखी जा रही है.

IMD Weather Updates: दिल्ली-एनसीआर में कल गुरुवार को मौसम सुहावना रहा. अनुमान है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा. अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश की भी भविष्यवाणी की गई है.

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए तमाम प्रयास फेल होते नजर आ रहे हैं. बढ़ती सर्दी के बीच अब प्रदूषण का प्रकोप भी बढ़ने लगा है. दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 600 के पार पहुंच चुका है. बिगड़ती हालात और वायु गुणवत्ता को देखते …

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का खतरा हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में दो गुना हो जाता है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है साथ ही स्वास्थ्य संबधी कई अन्य बीमारियों से भी जुझना पड़ता है. शुक्रवार को राजधानी की हवा अचानक बेहद खराब हो गई. रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को …