1855 में संथाल परगना से जगी थी स्वाधीनता की अलख
संथाल परगना में 1855 में हुए विद्रोह को कार्ल मार्क्स ने भी अपनी किताब ‘नोट्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री’ में ‘जनक्रांति’ माना है।
संथाल परगना में 1855 में हुए विद्रोह को कार्ल मार्क्स ने भी अपनी किताब ‘नोट्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री’ में ‘जनक्रांति’ माना है।