Bharat Express

GDP growth

भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है. महंगाई में कमी, आरबीआई द्वारा ब्याज दर में कटौती, और निजी निवेश का वृद्धि भारत की मजबूत वृद्धि की दिशा में कदम है.

बीसीजी रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि स्थिर बनी हुई है. जीडीपी वृद्धि दर 6-7% रहने का अनुमान है, जबकि मुद्रास्फीति घटी और जीएसटी संग्रह बढ़कर उच्चतम स्तर पर पहुंचा.

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को 2047 तक हाई-इनकम स्टेटस पाने के लिए 7.8% की औसत वार्षिक वृद्धि दर की जरूरत होगी. सुधारों की गति बढ़ाकर यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, भारत 2025-26 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा. आईएमएफ और विश्व बैंक ने क्रमशः 6.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है.

डेलॉयट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकार खुदरा निवेशकों के बढ़ते महत्व को स्वीकार करती है और आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 में उनकी भागीदारी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जनवरी के मासिक बुलेटिन में कहा गया कि भारत की आर्थिक वृद्धि में उछाल आने की संभावना है, क्योंकि घरेलू मांग में मजबूती आ रही है.

Infrastructure Spending: फिच रेटिंग्स का कहना है कि भारत की जीडीपी वृद्धि, बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति और ब्याज दरों में कटौती से 2025-26 में कॉर्पोरेट क्रेडिट एक्सेस को समर्थन मिलेगा.

Franklin Templeton का कहना है कि अगले चार तिमाहियों में भारत की आर्थिक वृद्धि औसतन 7% से ऊपर रह सकती है. ऐसा सरकार की नीतियों और घरेलू मांग के कारण होगा.

कृषि और उससे जुड़े हुए सेक्टरों की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इस सेक्टरों में पिछले वित्त वर्ष में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार, युवा कार्यबल को गुणवत्तापूर्ण नौकरियां प्रदान करने वाले विनिर्माण क्षेत्र ने 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि निर्माण और बिजली क्षेत्रों ने तिमाही के दौरान दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज हुई है.