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India Economy

भारतीय उपमहाद्वीप में बदलते भूराजनैतिक परिदृश्य के बीच भारत का वैश्विक विकास दृष्टिकोण सततता, पारस्परिक सहयोग और महासागर आधारित समृद्धि पर आधारित है. प्रो. चिंतामणि महापात्रा ने महासागर की भूमिका और भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ दर्शन के महत्व पर प्रकाश डाला.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की वृद्धि क्षमता को IMF और विश्व बैंक ने स्वीकार किया है. उन्होंने 2047 तक "विकसित भारत" बनाने का लक्ष्य साझा किया और सूर्योदय क्षेत्रों पर जोर दिया.

भारत की GDP पिछले 10 वर्षों में दोगुनी हो गई है, जिससे यह विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है. सरकारी नीतियों, बुनियादी ढांचे में निवेश और डिजिटलीकरण ने इस वृद्धि को संभव बनाया.

भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है. महंगाई में कमी, आरबीआई द्वारा ब्याज दर में कटौती, और निजी निवेश का वृद्धि भारत की मजबूत वृद्धि की दिशा में कदम है.

PM Modi ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि आज हम जिस मोड़ पर खड़े हैं, वहां से भारत के लिए असीम संभावनाएं हैं. ये संभावनाएं हमारी युवा शक्ति से निकल रही हैं. भारत का युवा अब खुद को सिर्फ नौकरी तलाशने वाला नहीं मानता, बल्कि वह नौकरी देने वाला और नई ऊंचाइयों को छूने वाला बन रहा है.

भारत में निजी खपत 2024 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो 7.2% वार्षिक वृद्धि के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से तेज़ी से बढ़ रही है.

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को 2047 तक हाई-इनकम स्टेटस पाने के लिए 7.8% की औसत वार्षिक वृद्धि दर की जरूरत होगी. सुधारों की गति बढ़ाकर यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.

कृषि, MSME, पर्यटन, नवाचार और निर्यात को बढ़ावा देकर सरकार ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने की ओर बढ़ रही है. यह बजट बल्कि दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता की नींव भी रखता है.

India Economic Outlook: रिपोर्ट के मुताबिक, धुंधली मानसून के महीनों में कुछ समय के लिए नरमी के बाद, भारत में आर्थिक गतिविधि में अक्टूबर में सुधार देखने को मिला है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि "भारत के जीसीसी न केवल संख्या में बढ़ रहे हैं, बल्कि इनके रणनीतिक महत्व भी बढ़ रहे हैं. पिछले 5 वर्षों में इनमें से आधे से अधिक केंद्र पारंपरिक सेवा से आगे बढ़कर पोर्टफोलियो और परिवर्तन केंद्रों के रूप में काम कर रहे हैं.