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मध्यप्रदेश में अब सभी 230 विधानसभा सीटों पर मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई। बीजेपी ने बची दो सीटों विदिशा और गुना से भी अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है। इधर, टिकट बंटवारे के बाद दावेदारों के बगावती तेवर के आगे कांग्रेस ने सरेंडर कर दिया है।

बताया जाता है कि खाना बनाकर लाने वाली बहनें बुरहानपुर जिले के धूलकोट में बारेला समाज की थीं. यह बहनें घर से खाना बनाकर अपने भाई के लिए लाई थीं.

राजनीति की समझ और कौशल भरत को विरासत में मिला और यही वजह है कि उन्होंने इंग्लैंड की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में इसका परिचय दिया.

बुधनी से सीएम शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान में हैं. इसको लेकर सामने आया है कि वो चुनाव लड़ने के लिए जन सहयोग का सहारा ले रहे हैं.

सिंधिया समर्थक जो नेता 2020 के चुनाव में हार गए थे. उन्हें भी बीजेपी ने टिकट दिया है. इनमें डबरा से इमरती देवी, सुमावली से ऐंदल सिंह कंषाना और मुरैना से रघुराज सिंह कंषाणा का नाम शामिल है.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां बागियों से जूझ रही हैं. 2018 में बीजेपी का काम बागियों ने बिगाड़ दिया था. इस बार दोनों पार्टियां रणनीति के तहत एक दूसरे के बागियों का सहारा ले रहे हैं

CM Shivraj: मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि जो कल अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस ने उन्हें और समाजवादी पार्टी को एक साल तक धोखे में रखा, बातें करते रहे और बाद में धोखा दे दिया.

बीजेपी ने निशाना साधते हुए परिवारवाद का आरोप लगाया है. बीजेपी ने कहा कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के पूरे परिवार को टिकट दिया गया, जबकि पार्टी में तमाम ऐसे नेता हैं जो टिकट न मिलने के चलते पार्टी छोड़कर जा रहे हैं.

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद पहली जनसभा को संबोधित किया.

अगर वोट शेयर की बात करें तो आंकड़ों के मुताबिक, वोट शेयर के मामले में सत्तारूढ़ बीजेपी कांग्रेस से 0.1 फीसदी आगे है. कांग्रेस को 44.6 फीसदी और बीजेपी को 44.7 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान है.