‘साहब मेरे पास दिल्ली आने के लिए पैसे नहीं हैं…’, दिल को छू लेगी पद्मश्री से सम्मानित हलधर नाग की ये कहानी
ओडिशा की संबलपुरी-कोशली भाषा में हलधर नाग द्वारा लिखी गईं कविताएं काफी प्रसिद्ध हैं. आश्चर्य की बात यह है कि अब तक जो भी काव्य रचनाएं उन्होंने की हैं, लगभग सभी कविताएं उन्हें जुबानी याद हैं.