सचिन-सहवाग और ब्रायन लारा से कभी होती थी तुलना, अब 25 साल की उम्र में डूब रहा है करियर
भारत में क्रिकेट प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. यह अनुशासन ही है जो किसी क्रिकेटर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंबे समय तक टिके रहने में मदद करता है. बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की प्रतिभा पर कोई संदेह नहीं था, लेकिन उनका अनुशासन ही था जिसने उन्हें निराश किया.