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PAK सेना ने आज ही के दिन किया था बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान का तख्तापलट, पढ़िए सत्ता छिनने की कहानी

14 अगस्त, 1975 के दिन राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान का तख्तापलट होना बांग्लादेश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय था. इसने न केवल बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित किया, बल्कि दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को भी बदल दिया.

Sheikh Mujibur Rahman

शेख़ मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के संस्थापक, महान राजनेता एवं प्रथम राष्ट्रपति थे.

Sheikh Mujibur Rahman Story: 14 अगस्त, 1975 को पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान का तख्तापलट कर दिया था, जिससे देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया. मुजीब उर-रहमान, जिनके नेतृत्व में बांग्लादेश ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्त की थी, सत्ता से हटा दिए गए. यह घटना न केवल बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति के लिए एक झटका थी, बल्कि इसने दक्षिण एशिया की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डाला.

राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के हीरो थे, जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया था. उनकी सरकार का कार्यकाल शुरू में उम्मीदों से भरा था, लेकिन कई आंतरिक और बाहरी समस्याएं उत्पन्न हो गईं. प्रशासनिक अक्षमताओं, आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता ने सरकार की छवि को धूमिल कर दिया. इसके अलावा, सैन्य और नागरिक प्रशासन के बीच संघर्ष और आपसी संघर्ष ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया.

Sheikh Mujibur Rahman Story

ऐसे बनी थी सशस्त्र विद्रोह की योजना

14 अगस्त को पाकिस्तानी सेना ने अचानक राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की योजना बनाई. सैनिकों ने राष्ट्रपति को सत्ता से हटाने और नए प्रशासन की स्थापना का फैसला किया. तख्तापलट की यह कार्रवाई बांग्लादेश में एक नई सैन्य सरकार के गठन की ओर ले गई, जिसने राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान को अपदस्थ कर दिया और देश में नए नेतृत्व की शुरुआत की.

मुजीब उर-रहमान को कैद कर लिया गया

इस तख्तापलट के तुरंत बाद, बांग्लादेश की राजनीति में अराजकता फैल गई. सैन्य अधिकारियों ने देश की सत्ता पर नियंत्रण स्थापित कर लिया और राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान को कैद कर लिया. नई सरकार ने तात्कालिक रूप से प्रशासन में सुधार की उम्मीद जताई, लेकिन इसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश में एक लंबे समय तक चलने वाला सैन्य शासन और राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो गया.

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हुआ

राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान का तख्तापलट बांग्लादेश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय था. इसने न केवल बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित किया, बल्कि दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को भी बदल दिया. इस घटनाक्रम के बाद, बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं और नागरिक अधिकार लंबे समय तक चुनौतीपूर्ण स्थिति में रहे.

— भारत एक्सप्रेस

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