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ये धूल गरीब तबके को बना रही है अपना शिकार…ले रही है जान!

ये धूल सीधे इंसानों के सीने में घुस जाती है और सम्बंधित व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार कर देती है.

Silica Dust

सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया

Silica Dust: हालांकि हर तरह की धूल इंसानों के लिए खतरा है लेकिन पत्थरों के काटे जाने या फिर घिसे जाने या ड्रिलिंग के दौरान निकलने वाली धूल कर्मचारियों के लिए अधिक खतरनाक होती है. इसे सिलिका धूल कहते हैं. भारत जैसे देश में हवा का प्रदूषण तो एक आम बात हो गई है लेकिन अगर इसी धूल से लोगों की जान जाने लगे तो ये काफी चिंताजनक बात है.

बता दें कि सिलिका वाली धूल सीधे इंसानों के सीने में घुस जाती है और सम्बंधित व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार कर देती है. भारत समेत दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां कंस्ट्रक्शन के काम में लगे मजदूर बिना मास्क और सुरक्षा उपकरणों के काम करते हैं. ऐसे में उनकी जान को अधिक जोखिम होता है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस धूल के सबसे अधिक शिकार गरीब व मजदूर तबका ही हो रहा है.

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जानें क्या है सिलिकोसिस?

इसको लेकर जानकारों का मानना है कि सिलिकोसिस सांस से जुड़ा एक ऐसा रोग है जो फेफड़ों को सख्त बना देता है. ऐसे में इससे पीड़ित लोग अगर समय पर इलाज नहीं कराते तो इससे पीड़ित व्यक्ति की जान भी जा सकती है. इसीलिए इसको लेकर एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि अगर इस बीमारी से मजदूर तबके को बचाना है तो मिट्टी, रेत, कंक्रीट, मोर्टार, ग्रेनाइट और कृत्रिम पत्थरों का काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा उपकरण जैसे मास्क जैसी चीजें आनिवार्य की जाएं. इसी के साथ ही इसके अलावा सरकार को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. जानकार कहते हैं कि जिन सेक्टर्स में सिलिका के कण ज्यादा निकलते हों वहां स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े मानकों का सही तरीके से पालन हो.

इस रिपोर्ट में किया गया है ये दावा

ब्रिटिश जर्नल में प्रकाशिक एक रिपोर्ट में दावा किया गया है और बताया गया है कि सिलिका के कणों से इंसानों में सिलिकोसिस नाम की एक गंभीर बीमारी पनपती है. जानकार कहते हैं कि अगर सिलिका की मात्रा पर कंट्रोल नहीं किया गया तो आने वाले समय में ये उसी तरह की बीमारी पैदा कर देगी जो कभी एस्बेस्टस की वजह से हुआ करती थी. मालूम हो कि एस्बेस्टस एक जहरीला रसायन था, जिसका प्रयोग घरों और बिल्डिंगों के निर्माण में हुआ करता था. फिलहाल इसके बढ़ते खतरे को देख कर दुनियाभर के देशों ने इस पर बैन लगाया जा चुका है.

-भारत एक्सप्रेस

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