प्रतीकात्मक चित्र
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 16 सितंबर से UPI पेमेंट से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो लाखों टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
टैक्स पेमेंट की सीमा बढ़ी
NPCI ने 24 अगस्त को जारी एक सर्कुलर में UPI के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट बढ़ाने की घोषणा की थी. रिपोर्ट्स के अनुसार, अब टैक्सपेयर्स UPI की मदद से 5 लाख रुपये तक का टैक्स जमा कर सकते हैं. पहले यह सीमा इससे कम थी, लेकिन UPI की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इसे बढ़ाया गया है.
वेरीफाइड व्यापारियों के लिए नई लिमिट
NPCI ने पेमेंट्स सर्विसेज, बैंकों और UPI ऐप्स को निर्देश दिए हैं कि वे वेरीफाइड (Verified) व्यापारियों की MCC 9311 कैटेगरी के लिए लेन-देन की लिमिट को बढ़ाएं. इससे टैक्सपेयर्स और व्यापारियों को बड़ी ट्रांजैक्शन में आसानी होगी.
टैक्सपेयर्स के लिए महत्वपूर्ण निर्देश
NPCI ने यह भी कहा है कि टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टैक्स पेमेंट के लिए UPI इनेबल्ड हो, ताकि वे नई बढ़ी हुई सीमा का लाभ उठा सकें.
16 सितंबर से लागू होंगे बदलाव
NPCI ने पेमेंट्स सर्विस प्रोवाइडर्स, UPI ऐप्स और बैंकों को 15 सितंबर तक इन बदलावों को लागू करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद 16 सितंबर से UPI के जरिए 5 लाख रुपये तक का टैक्स भुगतान संभव हो गया है. इसके अलावा, IPO, RBI रिटेल, शैक्षणिक संस्थान, और अस्पतालों में भी 5 लाख रुपये तक की सीमा का लाभ लिया जा सकता है.
अलग-अलग बैंकों की अलग सीमा
हालांकि, यह लिमिट कुछ खास लेन-देन पर ही लागू होगी. इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने बैंक या UPI सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करना होगा, क्योंकि विभिन्न बैंकों और सेवाओं के लिए UPI पेमेंट की सीमा अलग-अलग हो सकती है. इसलिए अन्य सेवाओं के लिए सीमा जानने के लिए अपने बैंक से सलाह लेना उचित होगा.
-भारत एक्सप्रेस
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