ChatGPT vs Google Gemini AI: आज का दौर AI का है, जिसके चलते लोगों का मुश्किल काम भी बेहद आसान हो रहा है. गूगल ने न्यूरल नेटवर्क जेमिनी लॉन्च किया है. यह न्यूरल नेटवर्क को इंसानी न्यूरॉन्स की तरह भी समझा जा सकता है. यह किसी मैसेज को एक से दूसरी जगह ले जाने पर काम करता है.इसका सबसे सटीक उदाहरण गूगल का ही सर्च इंजन है. जेमिनी एआई भी एक न्यूरल नेटवर्क की तरह काम करता है जो कि टेक्स्ट और कोड के बड़े डेटाबेस के लिए ट्रेन्ड होते हैं.
गूगल के इस प्लेटफॉर्म में किताबें, आर्टिकल्स, कोड्स व अन्य कई लिखित सामग्रियां शामिल हैं. जेमिनी एआई शब्द और वाक्यों के बीच पैटर्न और संबंध को सीखने में सक्षम है. इसलिए जेमिनी, भाषा का अनुवाद, टेक्स्ट लिखना, सवालों का जवाब अधिक विस्तार से देना और क्रिएटिव कंटेट तैयार करने के काम में सक्षम होता है. अब सवाल यह उठता है कि कई एआई प्लेटफॉर्म इसी तरह से काम करते हैं, तो फिर जैमिन सभी से अलग क्यों है.
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गूगल का ये एआई कुछ मामलों में काफी खास है. इसकी वजह यह कि यह न केवल टेक्स्ट को समझता है बल्कि तस्वीरों, वीडियो और ऑडियो को भी समझता है. यह मैथ्य, फिजिक्स व अन्य जटिल विषयों की समझ रखता है और उन्हें हल करने में मदद करता है. यह प्रोग्रामिंग लैग्वैंज के लिए हाई क्वॉलिटी कोड जेनरेट कर सकता है. यह तस्वीर को इनपुट की तरह लेकर फोटो में मौजूद कंटेंट से जुड़े आईडिया भी आपको दे सकता है. अगर आप इसे वीडियो दिखाते हैं तो यह उसका कोड जेनरेट कर सकता है.
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गूगल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस एआई को फिलहाल दो ही सर्विसेज के लिए लॉन्च किया है. आप गूगल पिक्सल 8 और गूगल बार्ड में जेमिनी का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, इसे धीरे-धीरे गूगल की अन्य सेवाओं के लिए भी रोलआउट किया जाएगा.इसे सर्च, ऐड, क्रोम और दूसरी सर्विसेज के साथ भी इंटिग्रेट किया जाएगा. जेमिनी के तीन वर्जन हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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