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पहला iPhone कैसे हुआ था लॉन्च और आईडिया कहां से आया?

पहले iPhone के निर्माण के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन स्टीव जॉब्स के दूरदर्शी विचार ने इसे संभव बनाया. आज, iPhone ने स्मार्टफोन की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया है और सुरक्षा के मामले में यह सबसे आगे है.

सांकेतिक चित्र

पहला iPhone बनाने की यात्रा Apple के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण और साहसी कदम था. यह यात्रा 1976 में शुरू हुई, जब स्टीव जॉब्स, स्टीव वोज़्नियाक और रोनाल्ड वेन ने मिलकर Apple कंपनी की स्थापना की. उस समय Apple ने Macintosh (Apple का कंप्यूटर) जैसे प्रोडक्ट्स के जरिए टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति ला दी थी. हालांकि, असली बदलाव तब आया जब iPod ने दुनिया का ध्यान खींचा और इसी ने iPhone के निर्माण का रास्ता खोला.

Apple की शुरुआत कंप्यूटर बनाने के साथ हुई थी. कंपनी ने अपना पहला लैपटॉप 1991 में और पहला मैकबुक 2006 में लॉन्च किया. इसके बाद Apple ने iPad, iPhone, स्मार्टवॉच, एयरपॉड्स और विजन जैसे डिवाइस भी बनाए. पहले iPad की लॉन्चिंग 2010 में, स्मार्टवॉच की 2015 में, एयरपॉड्स की 2016 में और विजन की 2024 में की गई.

टोनी फैडेल ने निभाई अहम भूमिका

iPod के “गॉडफादर” टोनी फैडेल ने iPhone के निर्माण में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने महसूस किया कि iPod को एक ऐसे डिवाइस में बदला जा सकता है, जिसमें म्यूजिक के साथ-साथ फोन के फीचर्स भी हों. उस समय कई कंपनियां पर्सनल कंप्यूटर को फोन में बदलने की कोशिश कर रही थीं, जबकि Apple का उद्देश्य iPod को ही फोन में बदलना था.

पहले iPhone के निर्माण के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. एक बार टोनी फैडेल ने फ्लाइट के दौरान iPhone का प्रोटोटाइप खो दिया था, जो कंपनी के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता था. इसके अलावा, iPhone में कीबोर्ड रखना या न रखना, इस पर भी टीम के भीतर विवाद था. स्टीव जॉब्स ने स्पष्ट रूप से कहा कि iPhone में पूरी तरह से टचस्क्रीन होना चाहिए, और जो इससे सहमत नहीं थे, उन्हें टीम छोड़ने के लिए कहा.

2007 में लॉन्च  हुआ पहला iPhone

2007 में, सैन फ्रांसिस्को में हुए Macworld Expo में स्टीव जॉब्स ने पहला iPhone लॉन्च किया. शुरुआत में इसे हल्के में लिया गया और इसकी आलोचना की गई, लेकिन बाद में यह डिवाइस तकनीकी दुनिया का सबसे बड़ा इनोवेशन साबित हुआ. पहले iPhone में टचस्क्रीन, वाइडस्क्रीन iPod, मोबाइल फोन और इंटरनेट ब्राउज़र के फीचर्स थे. इसकी कीमत $399 थी और इसमें 16GB मेमोरी, 3.5 इंच की टचस्क्रीन और 2 मेगापिक्सल का कैमरा था.

स्टीव जॉब्स ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह टैबलेट बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, लेकिन मल्टीटच डिस्प्ले तकनीक को देखकर उन्होंने फोन बनाने का फैसला किया. इसके बाद Apple ने कुछ सालों तक iPhone पर ध्यान दिया और जब यह प्रोजेक्ट सफल हो गया, तब टैबलेट प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया.

स्मार्टफोन की दुनिया में सबसे सुरक्षित है iPhone

स्मार्टफोन की दुनिया में iPhone को सबसे सुरक्षित माना जाता है. इसका एक मुख्य कारण है iPhone में शामिल ‘सिक्योरिटी चेक’ फीचर, जो प्रयोगकर्ता की निजी जानकारी को सुरक्षित रखता है. यह फीचर केवल iOS 16 या उसके बाद के संस्करण पर चलने वाले iPhone पर उपलब्ध है. साथ ही, iPhone में टू-फ़ैक्टर ऑथेंटिफ़िकेशन जैसी सुरक्षा सुविधाएं भी शामिल हैं, जो फोन के खोने या चोरी होने की स्थिति में प्रयोगकर्ता की जानकारी को गुप्त बनाए रखती हैं.

आज, iPhone ने स्मार्टफोन की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया है. Apple ने अब तक 25 से अधिक iPhone मॉडल लॉन्च किए हैं, और iPhone की डिमांड लगातार बढ़ रही है. हाल ही में लॉन्च की गई iPhone 16 सीरीज इसका ताजा उदाहरण है, जिसमें कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं और जो दुनिया भर में उपयोगकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.

-भारत एक्सप्रेस

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