विदेश से पैसे भेजने (रेमिटेंस) के मामले में भारतीयों का कोई जवाब नहीं. इस मामले में भारतीय दुनियाभर में इस साल सबसे आगे रहे. आंकड़ों पर नजर डालें तो विदेश में रह रहे भारतीयों ने 2023-24 में 8.95 लाख करोड़ रुपये रेमिटेंस के रूप में भारत भेजे हैं. भारतीयों द्वारा भेजी गई ये धनराशि एफडीआई से भी दोगुनी बताई जा रही है.
अमेरिका और चीन पीछे
भारत में भेजे गए पैसों का ये आंकड़ा दुनिया के सबसे अमीर देशों में शुमार अमेरिका से भी लगभग दोगुना है. इस मामले में चीन तीसरे स्थान पर है. यह पूरी धनराशि विदेश प्रत्यक्ष निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा भारत में लगाई गई रकम से भी दोगुना है. बता दें कि इनके द्वारा भारतीय बाजार में 4.51 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.
वर्ल्ड बैंक के अलावा यूएन माइग्रेशन एजेंसी और आरबीआई की रिपोर्ट्स के अनुसार ये लगातार दूसरा वर्ष है जब भारतीयों द्वारा 100 अरब डॉलर से ज्यादा की रकम भारत भेजी गई है. इनमें भी इस साल सबसे ज्यादा रकम अमेरिका और खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीयों के द्वारा भेजी गई है.
आंकड़ों के मुताबिक, बीते साल विदेशों से आई रकम में 7.5% की बढ़ोतरी हुई है. रेमिटेंस विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक जरिया है. भारत में खाड़ी और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा जैसे विकसित देशों रेमिटेंस आता है.
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अमेरिका से सबसे ज्यादा भेजी गई रकम
रेमिटेंस के मामले में आंकड़ों पर नजर डालें तो यह सबसे अधिक अमेरिका से आया है और यह करीब 23 फीसदी रहा. वहीं खाड़ी देशों से इसका प्रतिशत 17 फीसदी रहा. भारत के बाद मैक्सिको इस सूची में दूसरे नंबर पर है. रेमिटेंस पाने के मामले में मैक्सिको निवासियों ने विदेश से अपने देश में 5.53 लाख करोड़ रुपये भेजे. सर्वाधिक रेमिटेंस पाने वाले टॉप पांच देशों की बात करें तो इस सूची में चीन (50 अरब डॉलर), फिलिपींस (39 अरब डॉलर) और पाकिस्तान (27 अरब डॉलर) भी शामिल हैं.
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