सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
Cyber Fraud: देश में साइबर अपराधी एक के बाद एक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. वहीं पकड़ में आने पर हर बार वे कोई नया तरीका ढूंढ ले रहे हैं, जिससे अंजान लोग उनकी ठगी का शिकार हो जा रहे हैं. वहीं अब सामने आए इनके नए फ्रॉड में सिम स्वैप करके ये करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.
दिल्ली से मुंबई तक करोड़ों की ठगी
मिली जानकारी के अनुसार साइबर अपराधियों ने वारदात को अंजाम देते हुए कुछ दिन पहले ही मुंबई के एक शख्स से सिम स्वैप फ्रॉड से करीब 1.7 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी. इसके अलावा साइबर अपराधियों का शिकार दिल्ली का एक व्यापारी भी हुआ. जिससे इन्होंने 50 लाख रुपये की ठगी की.
कैसे करते हैं ठगी
दरअसल, साइबर अपराधियों के इस नए तरीके में वे ठगी करने के लिए स्मिशिंग (फर्जी टेक्स्ट मैसेज), फिशिंग (फर्जी मेल), विशिंग (फर्जी फोन कॉल्स) आदि के जरिए व्यक्ति की जानकारी प्राप्त करते हैं. जिसका उपयोग एक नकली आईडी बनाने और डुप्लीकेट सिम कार्ड पाने के लिए करते हैं.
जब इन्हें उस व्यक्ति का डुप्लीकेट सिम मिल जाता है और वो काम करना शुरू कर देता है तो पहला सिम ब्लॉक हो जाता है. असली खेल यहीं से शुरु होता है. क्योंकि आपके मोबाइल नंबर से ही आपके बैंक खाते से लेकर यूपीआई तक जुड़े होते हैं. डुप्लीकेट सिम मिलने के बाद साइबर ठग आपके बैंक खातों और लेनदेन के लिए आने वाले ओटीपी को प्राप्त कर लेते हैं. उसके बाद ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं.
विदेशों में भी ठगी
आपकी जानकारी लेने के लिए फ्रॉडर तरह-तरह का लालच देते हैंं. लॉटरी पुरस्कार और तमाम तरह के कूपन के अलावा बैंक डिटेल का वेरीफिकेशन आदि का लालच दे सकते हैं. अगर आपने गलती से भी इस बारे में जानकारी दे दी तो आपका अकाउंट खाली हो जाएगा. विदेशों में भी इस तरह की ठगी की घटनाएं काफी हुई है.
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इन बातों को लेकर रहें सतर्क
सिम स्वैप के फ्राड से बचने के लिए पहले तो यह ठान लें कि अपनी महत्वपूर्ण जानकारी किसी को भी न दें. नेट बैंकिंग में पासवर्ड का बनाते समय उसे कठिन बनाएं और बैंक खाते में निकासी की लिमिट लगाकर रखें. खराब नेटवर्क होने पर नेट बैंकिंग से लॉगाउट कर जाएं.
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