अखिलेश यादव. (फोटो: IANS)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ प्रस्ताव की मंजूरी के बाद सपा के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लगे हाथ महाराष्ट्र, झारखंड व यूपी के उपचुनाव भी घोषित करवा देते.
अखिलेश ने बोला हमला
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “अगर ‘वन नेशन, वन नेशन’ सिद्धांत के रूप में है तो कृपया स्पष्ट किया जाए कि प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के सभी ग्राम, टाउन, नगर निकायों के चुनाव भी साथ होंगे या फिर त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की हार-जीत की व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सुविधानुसार? भाजपा जब बीच में किसी राज्य की चयनित सरकार गिरवाएगी तो क्या पूरे देश के चुनाव फिर से होंगे?”
अखिलेश ने पूछा सवाल
उन्होंने लिखा, “किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या जनता की चुनी सरकार को वापस आने के लिए अगले आम चुनावों तक का इंतज़ार करना पड़ेगा या फिर पूरे देश में फिर से चुनाव होगा? इसको लागू करने के लिए जो संवैधानिक संशोधन करने होंगे उनकी कोई समय सीमा निर्धारित की गयी है या ये भी महिला आरक्षण की तरह भविष्य के ठंडे बस्ते में डालने के लिए उछाला गया एक जुमला भर है?”
“चुनाव कराने का काम भी ठेके पर देंगे क्या?”
उन्होंने लिखा, “कहीं ये योजना चुनावों का निजीकरण करके परिणाम बदलने की तो नहीं है? ऐसी आशंका इसलिए जन्म ले रही है क्योंकि कल को सरकार ये कहेगी कि इतने बड़े स्तर पर चुनाव कराने के लिए उसके पास मानवीय व अन्य जरूरी संसाधन ही नहीं हैं, इसलिए हम चुनाव कराने का काम भी (अपने लोगों को) ठेके पर दे रहे हैं. जनता का सुझाव है कि भाजपा सबसे पहले अपनी पार्टी के अंदर जिले-नगर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के चुनावों को एक साथ करके दिखाए फिर पूरे देश की बात करे.”
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उन्होंने आगे लिखा, “चलते-चलते जनता यह भी पूछ रही है कि आपके अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब तक क्यों नहीं हो पा रहा है, जबकि सुना तो ये है कि वहां तो ‘वन पर्सन, वन ओपिनियन’ ही चलती है. कहीं कमजोर हो चुकी भाजपा में अब ‘टू पर्सन्स, टू ओपिनियन्स’ का झगड़ा तो नहीं है.”
-भारत एक्सप्रेस
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