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Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात करा दिया गया है और डीएनए टेस्ट के लिए भ्रूण का सैंपल भी रख लिया गया है. वह 12 सप्ताह की गर्भवती थी. मीडिया सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को लखनऊ के केजीएमयू में पीड़िता का गर्भपात कराया गया है. फिलहाल गर्भपात के बाद पीड़िता की हालत सामान्य बताई जा रही है और दावा किया जा रहा है कि उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. तो दूसरी ओर पुलिस डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दोषियों की पहचान करने की प्लानिंग कर रही है.
बता दें कि अयोध्या में रेप पीड़िता की तबीयत खराब होने पर उसे अयोध्या जिला अस्पताल से लखनऊ रेफर कर दिया गया था. पीड़िता को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में सोमवार को लखनऊ के क्वीन मैरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. गौरतलब है कि बीते दिनों अयोध्या में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद यूपी की सियासत तेज हो गई थी. इस मामले में सपा नेता पर आरोप लगा था. आरोप है कि सपा नेता मोईद खान ने नाबालिग को नौकरी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया. इस मामले में पीड़िता की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी और कहा गया था कि आरोपी उसके साथ दो महीने तक रेप करता रहा और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी. मामले का खुलासा तब हुआ, जब नाबालिग के पेट में दर्द हुआ. इस पर परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए तो मेडिकल जांच में पता चला कि वह गर्भवती है. यह बात सुनते ही परिवार वालों के होश उड़ गए. इसके बाद लड़की ने परिजनों को पूरी बात बताई.
इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी लगातार नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने नाबालिग के साथ बलात्कार के मुख्य आरोपी सपा नेता मोईद खान का मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया था. इसी के साथ कहा था कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. तो दूसरी ओर इस मामले में आरोपी मोईद खान की बेकरी पर जिला प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया था. साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने आरोपी की बेकरी पर छापा मारकर सारा सामान जब्त कर लिया और उसकी बेकरी को सील कर दी थी. इस मामले में अयोध्या के भदरसा में सपा नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है. दोनों आरोपितों के खिलाफ 30 जुलाई मुकदमा दर्ज कराया गया था.
जानें क्या है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन?
बता दें कि गर्भपात को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन है कि 24 सप्ताह तक गर्भपात किया जा सकता है. अस्पताल प्रशासन ने पीड़िता के परिजनों की सहमति के बाद गर्भपात करने का फैसला किया. गर्भपात के बाद किशोरी की हालत सामान्य है और जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस