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हाथरस में हुई भगदड़ की जांच को लेकर CJI को लिखी गई चिट्ठी, याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई की मांग

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतिभानपुर में बीते 2 जुलाई को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 121 लोगों की मौत हो गई थी.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़. (फोटो: IANS)

Hathras Stampede Update: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ की जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर जल्द सुनवाई को लेकर याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर कहा है कि यह मामला काफी गंभीर है, लिहाजा याचिका पर 8 जुलाई को ही सुनवाई कर ली जाए.

याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में 5 सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो इसके लिए सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई है.

सरकार से स्टेट्स रिपोर्ट की भी मांग

याचिका में हाथरस कांड पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट की भी मांग की गई है. घटना के जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के साथ ऐसे आयोजनों के लिए दिशानिर्देश बनाने की मांग की गई है.

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतिभानपुर में बीते 2 जुलाई को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 121 लोगों की मौत हो गई थी. यह सत्संग भोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि बाबा का था. इस हादसे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी लेटर पिटीशन भी दायर किया गया है.

यह लेटर पिटीशन अधिवक्ता अरुण भंसाली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी है. लेटर पिटीशन में पूरी घटना की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की गई है, लेकिन हाईकोर्ट इस लेटर पिटीशन पर अब तक सुनवाई नहीं हो पाई है. बता दें कि एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है.

जांच में डीएम-एसएसपी समेत 100 लोगों के बयान दर्ज

इधर, एडीजी आगरा व अलीगढ़ कमिश्नर के नेतृत्व में चल रही भगदड़ मामले जांच में डीएम-एसएसपी सहित 100 लोगों के बयान दर्ज हुए है. 2 जुलाई की दोपहर हुए इस हादसे के बाद ही मुख्यमंत्री की ओर से एसआईटी जांच का आदेश जारी किया गया था.

इस रिपोर्ट में घटनास्थल पर तैनात एक-एक पुलिस व अन्य सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी, प्रारंभिक सूचना वाले कर्मचारी, एंबुलेंस कर्मचारी, डॉक्टर, पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर, किसान, चश्मदीद, घायल, तहसील व जिला स्तर के अधिकारी, डीएम-एसपी आदि तमाम लोगों के बयान शामिल हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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