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क्या है मंगेश यादव एनकाउंटर, जिसे लेकर यूपी में मचा है सियासी बवाल, दिए गए जांच के आदेश

मंगेश यादव सुल्तानपुर की एक ज्वेलरी की दुकान में डकैती का आरोपी था. यूपी एसटीएफ की टीम के साथ बीते 5 सितंबर को हुए एक एनकाउंटर में मौत हो गई थी.

मंगेश यादव और पुलिस के साथ हुआ एनकाउंटर स्थल.

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर शहर में मंगेश यादव के एनकाउंटर से सियासी भूचाल खड़ा हो गया है, जिसके बाद इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना ने एसडीएम विदुषी सिंह को यह जिम्मेदारी देते हुए 15 दिन में रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है.

28 वर्षीय मंगेश यादव सुल्तानपुर की एक ज्वेलरी की दुकान में डकैती का आरोपी था, जिसकी यूपी एसटीएफ की टीम के साथ बीते 5 सितंबर को हुए एक एनकाउंटर में मौत हो गई थी. मंगेश की मौत के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार और पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं.

अखिलेश ने उठाए सवाल

शनिवार सुबह उन्होंने एक वीडियो पोस्ट में कहा, ‘सवाल ये है कि लुटेरों से लूट का माल किसने लूट लिया. जब सब पकड़े गए तो फिर सोना किसके खजाने में जाकर जमा हो गया. कहीं ऐसा तो नहीं कि जो लुटेरे बनकर गए वो किसी के प्रतिनिधि थे. सवाल गंभीर है.’

इससे पहले अखिलेश यादव ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए ​जाति देखकर जान लेने का आरोप लगाया था. बीते 5 सितंबर को सपा प्रमुख ने एक पोस्ट में कहा था, ‘लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और ‘जात’ देखकर जान ली गई.’

उन्होंने कहा था कि नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं. समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है. भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है. जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है.

चंद्रशेखर ने जांच की मांग की

शनिवार को ही भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने एक पोस्ट में कहा, ‘सुल्तानपुर में ‘सर्राफा कारोबारी डकैती’ के मामले में आरोपी जौनपुर निवासी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर आरोपी की मां द्वारा उठाया गया सवाल (पुलिस ने सितंबर की रात पूछताछ के बहाने घर से उठाया और तीसरे दिन गोली मारकर हत्या कर दी) चिंता का विषय है.’

उन्होंने कहा, ‘एनकाउंटर शासनिक हत्या का साधन बन गया है. शासनिक हत्या भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 में प्राप्त ‘जीवन की आजादी’ के मौलिक अधिकार की भी हत्या है. मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट से मामले को संज्ञान में लेकर उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराने का निवेदन करता हूं.’

केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने अखिलेश यादव और चंद्रशेखर के बयानों को लेकर उन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘अपराधी अपराधी होता है, उसकी जाति नहीं होती है. अपराधी के साथ खड़ा होना ठीक नहीं. सपा के नेता अपराधियों के साथ खड़े हो जाते हैं. यही उनका चाल, चरित्र और चेहरा है.’

क्या कहती है पुलिस

पुलिस के अनुसार, मंगेश यादव पर 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत आरोप शामिल हैं, और उसके सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम भी था. पुलिस ने कथित तौर पर उसके कब्जे से 4.95 किलोग्राम चांदी, दो ह​थियार, गोला-बारूद और एक मोटरसाइकिल भी जब्त की है.

यूपी एसटीएफ के अनुसार, उन्हें सूचना मिली थी कि मंगेश अपने एक साथी के साथ जौनपुर जा रहा है और उन्होंने सुल्तानपुर बाईपास के पास एक चेकपॉइंट पर उन्हें रोक लिया. इसके बाद कथित तौर पर यह बाइक मिशिरपुर पुरेना गांव की ओर भागी, जिसमें सवार लोगों ने पुलिस टीम पर फायरिंग की, जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की और मंगेश गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि उसका साथी, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, भाग निकला.

परिवार का आरोप

हालांकि पुलिस के दावों के बावजूद जौनपुर में मंगेश के परिवार का दावा है कि उसे सोमवार (2 सितंबर) रात पूछताछ के लिए ले जाया गया था और वादा किया गया था कि उसे वापस भेज दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ.

उसकी छोटी बहन प्रिंसी यादव ने बताया, ‘गुरुवार को पुलिस हमारे घर आई और कहा कि मंगेश की एनकाउंटर में मौत हो गई है. उन्होंने हमें सुल्तानपुर से उसका शव लाने को कहा. हम वहां गए और उसका शव ले आए.’ उन्होंने आगे बताया कि स्थानीय पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया.

योजनाबद्ध डकैती

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, लूट की इस वारदात को बीते 28 अगस्त को बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था. डकैतों की एक टोली ने सुल्तानपुर के व्यस्त चौक इलाके में स्थित बीएच ऑर्नामेंट नाम की एक दुकान पर तकरीबन 1 महीने तक नजर रखी थी. 28 अगस्त को 5 हमलावरों ने दुकान को लूटा और इस दौरान उनकी एक और टीम बाहर निगरानी कर रही थी.

ये हैं हिरासत में

घटना को लेकर हिरासत में लिए गए लोगों में ‘मुख्य साजिशकर्ता’ विपिन सिंह भी शामिल है, जिसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपों सहित 34 आपराधिक मामले दर्ज हैं. विपिन ने डकैती के एक दिन बाद 29 अगस्त को कथित तौर पर एक मामले में आत्मसमर्पण कर दिया था. पुलिस ने कहा कि तीन अन्य – पुष्पेंद्र, त्रिभुवन और सचिन सिंह – को 3 सितंबर को एक ‘एनकाउंटर’ के बाद गिरफ्तार किया गया था.

-भारत एक्सप्रेस

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