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UP Bypolls: उत्तर प्रदेश में बसपा पर छाया सियासी संकट, छोटे दलों से भी पार्टी खा रही मात

नतीजे बता रहे हैं कि चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी बसपा के समक्ष बड़ी मुसीबत खड़ी कर रही है. इस चुनाव में बसपा छोटे दलों से मात खाती दिखाई दी है. ऐसे में उसके भविष्य पर सियासी संकट छाया हुआ है.

मायावती. (फाइल फोटो: IANS)

UP Bypolls 2024: उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम सबसे ज्यादा बहुजन समाज पार्टी (BSP/बसपा) को दर्द दे गए. लोकसभा चुनाव में जीरो पर आउट हुई पार्टी को उपचुनाव में भी एक भी सीट नसीब नहीं हो सकी. बल्कि उनका बचा काडर वोट छिटक कर दूसरे पाले में चला गया.

राज्य विधानसभा उपचुनावों में चार साल पहले चंद्रशेखर आजाद (Chardra Shekhar Azad) द्वारा स्थापित आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने 9 निर्वाचन क्षेत्रों में से 2 में तीसरा स्थान हासिल करके बसपा को पीछे छोड़ दिया. हालांकि दोनों ही पार्टियां एक भी सीट जीतने में विफल रहीं, लेकिन आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रदर्शन ने कई लोगों को चौंका दिया.

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम)

उपचुनाव में चंद्रशेखर आजाद की पार्टी ने आठ सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारे थे. दो सीटें, जहां पार्टी ने तीसरा स्थान हासिल किया, वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मीरापुर और कुंदरकी हैं. 6 अन्य विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी ने चुनाव लड़ा, जिनमें से पांच सीटों पर वह चौथे स्थान पर रही. गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रत्याशी सत्यपाल चौधरी 6,304 वोट पाकर पांचवें स्थान पर रहे.

नतीजे बता रहे हैं कि चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी बसपा के समक्ष बड़ी मुसीबत खड़ी कर रही है. इस चुनाव में बसपा छोटे दलों से मात खाती दिखाई दी है. ऐसे में उसके भविष्य पर सियासी संकट छाया हुआ है.

मीरापुर सीट

मुजफ्फरनगर की मीरापुर में पार्टी को 12.21 प्रतिशत (22,661) से कुछ अधिक वोट मिले. जबकि इस सीट पर बसपा महज 1.75 फीसद (3248) मत पाकर पांचवें नंबर पर थी. इनसे ज्यादा 10.17 फीसद (18869) वोट ओवैसी की पार्टी को मिले.

मुजफ्फरनगर जिले के मीरापुर में भाजपा की सहयोगी रालोद उम्मीदवार मिथलेश पाल ने सपा की सुम्बुल राणा को 30,796 मतों से हराया. तीसरे स्थान पर रहे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के उम्मीदवार जाहिद हुसैन को 22,661 मत मिले. बसपा के शाहनजर 3,248 मत पाकर पांचवें स्थान पर रहे.


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बसपा के वोटों में सेंधमारी

मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर भी चंद्रशेखर की पार्टी तीसरे स्थान पर रही और उसे यहां पर 6.39 प्रतिशत यानी 14,201 मत मिले, जबकि बसपा को महज 0.49 प्रतिशत (1099) वोट मिल सके. दोनों सीटों पर जिस प्रकार से बसपा की दुर्दशा हुई है. उससे पता चलता है कि काडर वोट इनके पाले से छटक गया है. इसको वापस पाने के लिए बसपा को बहुत मुश्किल होगी. आजाद समाज पार्टी भले ही एक भी सीट नहीं जीत न पाई हो, लेकिन उसने बसपा के वोटों पर सेंधमारी ज़रूर की है.

कटेहरी में बसपा का प्रदर्शन

कुंदरकी में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के उम्मीदवार चांद बाबू 14,201 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे. इस सीट पर भाजपा के रामवीर सिंह ने 1,70,371 वोट पाकर सपा के मोहम्मद रिजवान को 1,44,791 वोटों से हराया. कुंदरकी में 12 उम्मीदवारों में से 11 मुस्लिम थे. बसपा के रफतुल्ला 1,099 वोट पाकर पांचवें स्थान पर रहे.

नतीजों पर अगर गौर करें तो बसपा का अच्छा प्रदर्शन अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट पर रहा, जहां इनके उम्मीदवार अमित वर्मा को 41,647 मत मिले. वहीं मझवां के प्रत्याशी दीपक तिवारी उर्फ दीपू तिवारी ने 34,927 और फूलपुर में 20,342 वोट मिले. हालांकि तीनों सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम वोट मिले हैं.

चंद्रशेखर आजाद. (फाइल फोटो: IANS)

मायावती ने लगाया धांधली का आरोप

बसपा मुखिया मायावती ने नतीजे आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक चुनाव आयोग इसे रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाता है तब तक बसपा देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यों में विधानसभा चुनाव पूरी दमदारी से पार्टी लड़ेगी.

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि बसपा का चुनाव दर चुनाव परफॉर्मेंस खराब होता जा रहा है. लोकसभा के बाद हुए उपचुनाव में बसपा का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है. उसे कई सीट पर छोटे दलों से भी कम वोट मिले हैं.

उपचुनाव को गंभीरता से नहीं लिया

उन्होंने बताया कि बसपा के किसी बड़े नेता ने 9 सीटों के उपचुनाव को गंभीरता से नहीं लिया. किसी ने यहां पर प्रचार करने की जहमत भी नहीं उठाई. महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव प्रचार देखने के चक्कर में यूपी की जमीन चली गई. उन्होंने कहा कि लोकसभा के बाद उपचुनाव में भी बसपा अपना खाता नहीं खोल सकी. इतना ही नहीं उपचुनाव में बसपा पश्चिमी यूपी सहित छह सीटों पर सीट पर जमानत तक नहीं बचा सकी. ऐसे में उसके सियासी भविष्य पर खतरा है.

बसपा सुप्रीमो ने लिया ये फैसला

उपचुनावों में बसपा के एक भी सीट न जीतने के बाद पार्टी प्रमुख मायावती (Mayawati) ने रविवार को कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने कहा, ‘9 सीटों पर हुए मतदान और परिणामों को लेकर जनता में व्यापक चर्चा है. यह कोई नया मुद्दा नहीं है. पहले बैलेट पेपर और अब EVM के माध्यम से फर्जी मतदान की घटनाएं लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं.’ बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी ने यह फैसला किया है कि जब तक चुनाव आयोग फर्जी मतदान को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक BSP उपचुनावों से दूरी बनाए रखेगी.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस



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