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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया है। जिसके बाद बिहार में भी इस पर बैन की मांग उठने लगी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स को बैन करने के लिए सीएम नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी है।

1528 से लेकर 2020 तक यानी 492 साल के इतिहास में कई मोड़ आए। कुछ मील के पत्थर भी पार किए गए। खास तौर से 9 नवंबर 2019 का दिन जब 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने ऐतिहासिक फैसले को सुनाया। अयोध्या जमीन विवाद मामला देश के सबसे लंबे चलने वाले केस में से एक रहा।

शीत युद्ध के दौरान लागू की गई नाटो और रूस के बीच की संधि आखिरकार खत्म हो गई है. रूस ने इस संधि को खत्म करने के पीछे अमेरिका और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया और इस संधि को खत्म करने की बात कही.जिसके बाद नाटो ने इस संधि को औपचारिक रूप से निलंबित कर दिया है.

केंद्र सरकार फेसबुक, गूगल और अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों को अपने पास मौजूद अज्ञात व्यक्तिगत डेटा को सरकार समर्थित डेटाबेस के साथ शेयर करने का निर्देश जारी करने पर विचार कर रही है. यदि ये कदम उठाया जाता है तो ये कंपनियां इस तरह के डेटा पर अपना अधिकार होने का दावा कर सकती हैं.

मालदीव में सरकार बदल चुकी है. मोहम्मद मुइज्जू ने 17 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ ली. मुइज्जू के शपथ समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पहुंचे थे. जबकि, पांच साल पहले 2018 में जब इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने शपथ ली थी, तब उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे.

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान से पहले बीजेपी-कांग्रेस जनता को लुभाने के लिए तमाम वादे और दावे कर रही हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस ने आज अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है. घोषणा पत्र में कांग्रेस ने तमाम वादे किए हैं.

इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं. एक तरफ, इजरायल हमास के ठिकानों को तबाह करने के लिए गाजा में ताबड़तोड़ हमले कर रहा है, तो दूसरी तरफ..गाजा में आम लोगों की मौतों को लेकर वह कई देशों के निशाने पर भी है.

साउथ कोरिया में कुत्ते का मीट खाने पर पाबंदी लगने वाली है। रूलिंग पार्टी के पॉलिसी चीफ यू यूई-डोंग ने इसकी घोषणा की। साउथ कोरिया में डॉग मीट खाने को लेकर दुनियाभर में लंबे समय से विवाद जारी है। एनिमल राइट्स संगठन भी इसका विरोध करते रहते रहे हैं।

भारत में बच्चों के गोद लेने की जटिल प्रक्रिया पर फिर से बहस शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार से गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सुझाव मांगा है. कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (सीएआरए) के तहत वर्तमान में जो गोद लेने की प्रक्रिया है.

शादी और संतान गोद लेने के कानूनी अधिकार की मांग को लेकर ट्रांसजेंडर काफी समय से चर्चा में रहे. अब इस मसले में एक और मुद्दा जुड़ गया है। शादी या प्रेम संबंध में रहती ट्रांस महिला अगर किसी वजह से प्रताड़ित हो तो वो घरेलू हिंसा कानून का सहारा भी ले सकती है.